अपना विद्यालय परिकल्पना की शुरूआत शाजापुर से होगी।जिन विद्यालयों में बच्चें नहीं हैं वहां के शिक्षको से अन्य विद्यालयों में अध्यापन करवाएं ।
अपना विद्यालय परिकल्पना की शुरूआत शाजापुर से होगी
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राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि ऐसे विद्यालय जो काफी पुराने हैं और उनमें अध्ययन कर जिन लोगों ने अच्छा मुकाम हासिल किया है, ऐसे लोगों का पता लगाकर उनमें अपने विद्यालय के प्रति लगाव पैदा करने के उद्देश्य से उनके विद्यालय के विकास के लिए प्रेरित किया जायेगा। इसकी शुरूआत शाजापुर जिले से की जायेगी। इस तरह की जनभागीदारी से पूर्व विद्यार्थियों में अपने विद्यालय के प्रति अपनत्व का भाव आएगा। साथ ही जहां आज सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या घट रही है, उस पर विराम लगेगा और बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इस मौके पर उनहोंने ऐसे विद्यालय जिनमें छात्र संख्या कम है और शिक्षक ज्यादा है तथा ऐसे विद्यालय जिनमें छात्र संख्या ज्यादा है और शिक्षक कम है कि सूची देने के निर्देश दिये। साथ ही ऐसे विद्यालय भवन जिनका वर्तमान में उपयोग नहीं हो रहा है उनमें रोजगार मूलक गतिविधियां शुरू करने के निर्देश भी दिये।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि जिले के चारो विकासखण्डों में एक-एक विद्यालय को आदर्श बनाने के लिए स्कूलों का चयन कर लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालयों में स्मार्ट क्लास शुरू करना होगी, इससे जिन विद्यालयों में विषय विशेष के शिक्षक नहीं होने पर भी विद्यार्थियों को अपने विषय की समग्र जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इस मौके पर कड़वाला, मितेरा, लाहरखेड़ा, अमलाय, गुलाना, सुन्दरसी, ढाबलाघोसी के विद्यालयों के संबंध में भी चर्चा हुई।
जिन विद्यालयों में बच्चें नहीं हैं वहां के शिक्षको से अन्य विद्यालयों में अध्यापन करवाएं
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बैठक में विद्यालयों एवं विद्यार्थियों की संख्या की समीक्षा करते हुए स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री परमार ने निर्देश दिये कि जिन विद्यालयों में एक भी छात्र नहीं हैं ऐसे विद्यालयों का युक्ति-युक्तकरण करते हुए वहां के शिक्षको से अन्य विद्यालयों मे अध्यापन का कार्य करवाएं। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में बच्चे तो हैं लेकिन वहां शिक्षक नहीं हैं ऐसे विद्यालयों में भी शिक्षकों की व्यवस्था करें। विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभाग समुचित प्रयास करें। शाजापुर जिले के हर विकासखण्ड में 10-10 ऐसे विद्यालयों को चिन्हांकित कर उन्हें इस तरह विकसित करें कि उनमें शैक्षणिक स्तर सहित सभी स्थितियां आदर्श हो।