नोकरी करने वाले लोगो को बड़ी राहत, राष्ट्रपति ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकराया।
नौकरी करने वाले लोगो को बड़ी राहत
भोपाल. (मध्य प्रदेश)
भोपाल. मध्य प्रदेश में काम करने वाली महिलाओं के लिए राहत की खबर है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मध्य प्रदेश सरकार के अध्यादेश को खारिज कर दिया है। जिसमें महिलाओं को रात की पाली में काम करने के लिए बाध्य किया गया था।
अब जबकि राष्ट्रपति ने अध्यादेश को मंजूरी नहीं दी है, राज्य सरकार ने अध्यादेश पर आपत्तियों को दूर करने के लिए एक नई अधिसूचना जारी की है। नए नियम के तहत महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करना जरूरी नहीं होगा। Because Indian President Say|
बता दें कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने फैक्ट्रीज एक्ट के तहत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देना अनिवार्य करने का प्रस्ताव तैयार किया था।
जिसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया था लेकिन राष्ट्रपति ने प्रस्ताव वापस कर दिया।
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश वापस करने के बाद राज्य सरकार ने एक संशोधित अधिसूचना जारी की है। जिसमें महिलाओं के नाइट शिफ्ट के प्रावधान को हटा दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने फैक्ट्रीज एक्ट 1948 में संशोधन करके महत्वपूर्ण बदलाव किए। इनमें मुख्य रूप से महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने का प्रावधान शामिल था।
केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा लेकिन राष्ट्रपति ने भी अध्यादेश लौटा दिया।
इसके बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश में शामिल बिंदुओं पर आपत्ति हटाते हुए एक संशोधित अधिसूचना जारी की है।
1. महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति दी गई थी जो पहले प्रतिबंधित थी।
2. कर्मचारी शिफ्ट में 8 घंटे काम कर सकेंगे।
3. पहले, 20 श्रमिकों को लाइसेंस दिया जाना था, और अब 200 श्रमिकों को समाप्त करना आवश्यक होगा।
4.300 से नीचे के श्रमिकों के लिए कारखाने को बंद करने के लिए अनुमति लेना आवश्यक नहीं होगा।
5. कारखाने का मालिक दस्तावेजों को स्वयं सत्यापित कर सकता है।
6. जमा का पांच प्रतिशत जो जमा किया जाएगा।
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