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शिवपुरी सहकारी बैंक में गड़बड़ी करने पर बैंक के 4 सीईओ सहित 14 हुए निलम्बित-गबन करने वालों की सम्पत्ति अटैच-सहकारिता मंत्री ने की भ्रष्टाचार के प्रकरण में कड़ी कार्यवाही

सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि सहकारिता विभाग में भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति सख्ती के साथ लागू है।

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में गबन और घोटाला करने की गड़बड़ी का मामला सामने आने पर उन्होंने 13 सदस्यीय जाँच कमेटी गठित कर गड़बड़ी के हर पहलू और उससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका की जाँच के आदेश दिये थे।

जाँच कमेटी द्वारा एक माह में जाँच कर प्रतिवेदन दिया। बैंक में गबन और गड़बड़ी के मामले में शिवपुरी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में समय-समय पर पदस्थ रहे 4 मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के कुल 10 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई।

जाँच समिति के प्रतिवेदन पर आरोपी अधिकारियों – कर्मचारियों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए बैंक केडर के प्रथम श्रेणी के 3 अधिकारी, द्वितीय श्रेणी की एक अधिकारी और बैंक के 10 कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है। गबन करने वालों की सम्पत्ति को बैंक द्वारा सीज भी कर लिया गया है।

इन पर कार्रवाई

वर्तमान में टीकमगढ़ में सीईओ के पद पर पदस्थ श्री ए.एस. कुशवाह, वर्तमान में मुरैना में सीईओ के पद पर पदस्थ श्री डी.के. सागर, वर्तमान में रीवा में सीईओ के पद पर पदस्थ श्री वाय.के. सिंह और वर्तमान में सीईओ शिवपुरी में पदस्थ श्रीमती लता कृष्णन शामिल हैं।

सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में श्री ए.एस. कुशवाह एक जनवरी, 2006 से 22 जून, 2012 और 21 अगस्त, 2015 से 8 मार्च, 2019 तक पदस्थ रहे। इस दौरान श्री कुशवाह ने अपने कर्त्तव्यों का ठीक ढ़ंग से निर्वाह नहीं किया। इसके परिणाम स्वरूप बैंक की शाखा कोलारस में गबन का घोटाला हुआ।

समिति की जाँच ने अपने प्रतिवेदन में श्री कुशवाह की बैंक गबन और घोटाले में संलिप्तता होने का उल्लेख किया है।

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सीईओ जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी में 6 मार्च, 2014 से 21 मार्च, 2015 तक पदस्थ रहे श्री डी.के. सागर, 11 मार्च, 2019 से 8 जुलाई, 2020 तक पदस्थ रहे श्री वाय.के. सिंह और 6 जुलाई, 2020 से अब तक पदस्थ श्रीमती लता कृष्णन को भी बैंक में गबन होने के लिये जिम्मेदार माना है।

प्रशासक अपेक्स बैंक श्री नरेश पाल कुमार द्वारा निलम्बित चारों अधिकारियों में श्री कुशवाह, श्री सागर, श्री सिंह प्रथम श्रेणी केडर के अधिकारी हैं, जबकि श्रीमती लता कृष्णन द्वितीय श्रेणी केडर की अधिकारी हैं। चारों निलम्बित अधिकारियों को अलग-अलग मुख्यालय से संबद्ध किया गया है।

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श्री कुशवाह को सहकारी बैंक शाखा सागर, सीईओ श्री सागर को राज्य सहकारी बैंक शाखा ग्वालियर, श्री सिंह को राज्य सहकारी बैंक शाखा रीवा और श्रीमती कृष्णन को राज्य सहकारी बैंक मुख्य शाखा टी.टी. नगर भोपाल से संबद्ध किया गया है।

प्रशासक राज्य सहकारी बैंक द्वारा जारी आदेश में हवाला दिया गया है कि आर्थिक अनियमितता और गबन के संबंध में डॉ. अनिल कुमार को जाँच दल का प्रमुख बनाया गया था। डॉ. अनिल कुमार के साथ 12 अन्य अधिकारी-कर्मचारी जाँच दल से संबद्ध थे।

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