मध्य प्रदेश के EFA योजना अंतर्गत प्रदेश के चयनित 53 सरकारी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पढ़ाने की तैयारी
प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों में स्थित शासकीय विद्यालयों को EFA (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। इनका संचालन म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जायेगा। EFA स्कूलों के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिये कम्प्यूटर आधारित ‘स्मार्ट क्लॉस-रूम क्लिकर” सॉल्यूशन सिस्टम लागू किये जाएगा।
कक्षा आठवीं से 12वीं तक होगा वैकल्पिक विषय – सभी 51 जिला मुख्यालयों के एक-एक स्कूल से शुरुआत
भोपाल। भविष्य की जरूरत और रोजगार के क्षेत्र में बढ़ती मांग को देखते हुए अब मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा आठवीं से 12वीं तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की पढ़ाई वैकल्पिक विषय के रूप में होगी। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की घोषणा के बाद आगामी सत्र 2022-23 से मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के 53 ई.एफ.ए (एजुकेशन फॉर आल) स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक विषय के रूप में पढ़ाया जायेगा। यह बात परमार ने शुजालपुर में डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑनलाइन एजुकेशन से संबंधित सहायता देने के लिए राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और माइक्रोसॉफ्ट के बीच एम.ओ.यू. के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक के ज्ञान के साथ भविष्य में वैश्विक स्तर पर आई.टी. रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कक्षा 8वीं और 9वीं के विद्यार्थियों को इसी सत्र से तथा कक्षा 10 वीं से 12वीं के बच्चों को अगले सत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विषय के रूप में चुनने की सुविधा मिलेगी। माइक्रोसाफ्ट टीम साफ्टवेयर के माध्यम से इस विषय के लिए आनलाइन क्लासेस संचालित की जायेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 240 घंटे का होगा पाठ्यक्रम
माइक्रोसॉफ्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर 240 घंटे का वार्षिक पाठ्यक्रम और पुस्तक प्रारूप तैयार कर उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही आगामी वर्ष में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विषय के अध्यापन के लिये शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
मप्र राज्य ओपन बोर्ड को दी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड को इस विषय की जिम्मेदारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस तरह का प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी तैयार किया है और सीबीएसई से संबद्ध कुछ स्कूलों में यह पढ़ाया भी जा रहा है।
यह कदम उठाए
मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने माइक्रोसाफ्ट कंपनी से अनुबंध किया है।
शुरुआत प्रदेश के सभी 51 जिला मुख्यालयों के एक-एक स्कूल से की जा रही है।
पाठ्यक्रम तैयार करने से लेकर सभी 51 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब तैयार करेगी कंपनी
इन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देगी कंपनी
स्कूलों में 40 से 100 बच्चों की क्षमता वाली कंप्यूटर लैब तैयार
अगले वर्ष से पूरी जिम्मेदारी प्रशिक्षित शिक्षकों की होगी।
एक्सपर्ट कमेंट
साइबर विशेषज्ञ शोभित चतुर्वेदी का इस मामले में कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मशीनों द्वारा निर्णय लेने की क्षमता को कहा जाता है। सामान्य कार्यकलापों, व्यवहार में जो निर्णय मनुष्य द्वारा लिए जाते हैं, उन्हें मशीनें तर्कसंगत ढंग से लें सकें, यही क्षमता प्रदान करना इस विषय के तहत आता है।
मध्यप्रदेश में प्रस्तावित 53 EFA स्कूल सूची
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 52 सरकारी स्कूलों को ऐसे योजना अंतर्गत चयनित किया गया है वही प्रेरणा स्कूल के रूप में मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक स्कूल को और जोड़ा गया है।
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इनका कहना है
मध्य प्रदेश में आठवीं से 12वीं तक बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विषय के तहत प्रोजेक्ट, साफ्टवेयर बनाना और कोडिंग करना सिखाया जाएगा। इससे बच्चे तकनीकी रूप से दक्ष होंगे। इसकी तैयारी कर ली गई है।
पीआर तिवारी, निदेशक, राज्य ओपन बोर्ड