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प्रदेश के 137 पालीटेक्निक संस्थानों में दसवीं की मेरिट के आधार पर होंगे दाखिले,सत्र 2022-23 में पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश के लिए पीपीटी नहीं होगी

भोपाल। प्रदेश के पालीटेक्निक संस्थाओं में दाखिले के लिए इस बार भी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। इस बार भी मेरिट के आधार पर प्रवेश होंगे। सत्र 2022-23 में दसवीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। इस बार भी तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्री पालीटेक्‍निक टेस्‍ट (पीपीटी) को निरस्त कर दिया है। इसकी वजह यह है स्कूल के रिजल्ट आने के अमूमन दो-तीन तीन माह बाद पीपीटी का रिजल्ट आता है। इसके चलते सीटें रिक्त रह जाती हैं। ऐसे में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से ली जा रही परीक्षा का कोई औचित्य नहीं बनता है।

भोपाल। प्रदेश के पालीटेक्निक संस्थाओं में दाखिले के लिए इस बार भी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। इस बार भी मेरिट के आधार पर प्रवेश होंगे। सत्र 2022-23 में दसवीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। इस बार भी तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्री पालीटेक्‍निक टेस्‍ट (पीपीटी) को निरस्त कर दिया है। इसकी वजह यह है स्कूल के रिजल्ट आने के अमूमन दो-तीन तीन माह बाद पीपीटी का रिजल्ट आता है। इसके चलते सीटें रिक्त रह जाती हैं। ऐसे में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से ली जा रही परीक्षा का कोई औचित्य नहीं बनता है।
Mpppt Exam 2022
प्रदेश में 137 निजी और सरकारी पालीटेक्निक संस्‍थान हैं, जिनमें करीब 28 हजार सीटें हैं। मप्र बोर्ड दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट 28 से 30 अप्रैल के बीच जारी हो जाते हैं, जबकि पीईबी पीपीटी कराकर जुलाई तक रिजल्‍ट जारी करता है। तब तक दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी 11वीं कक्षा में प्रवेश ले लेते हैं, इसलिए ऐसे अनेक विद्यार्थी पीपीटी परीक्षा के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। काउंसिलिंग के दौरान 28 हजार सीटों में से खींचतान कर 18 हजार सीटों पर ही प्रवेश होते हैं। सीटें ज्यादा और पीपीटी में विद्यर्थियों की संख्या कम होने के कारण विभाग ने पीपीटी पर विराम लगाना ही उचित समझा है। इसलिए सत्र 2022-23 में विद्यार्थियों को बिना पीपीटी के सिर्फ दसवीं की मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। बता दें, कि दो साल से कोविड काल के कारण पालीटेक्निक संस्थाओं में परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाती है। विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए गए हैं।

प्रदेश में 137 निजी और सरकारी पालीटेक्निक संस्‍थान हैं, जिनमें करीब 28 हजार सीटें हैं। मप्र बोर्ड दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट 28 से 30 अप्रैल के बीच जारी हो जाते हैं, जबकि पीईबी पीपीटी कराकर जुलाई तक रिजल्‍ट जारी करता है। तब तक दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी 11वीं कक्षा में प्रवेश ले लेते हैं, इसलिए ऐसे अनेक विद्यार्थी पीपीटी परीक्षा के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। काउंसिलिंग के दौरान 28 हजार सीटों में से खींचतान कर 18 हजार सीटों पर ही प्रवेश होते हैं। सीटें ज्यादा और पीपीटी में विद्यर्थियों की संख्या कम होने के कारण विभाग ने पीपीटी पर विराम लगाना ही उचित समझा है। इसलिए सत्र 2022-23 में विद्यार्थियों को बिना पीपीटी के सिर्फ दसवीं की मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। बता दें, कि दो साल से कोविड काल के कारण पालीटेक्निक संस्थाओं में परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाती है। विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए गए हैं।

पीईटी, पीएमटी भी बंद

इसके पहले भी विभाग ने बीफार्मा में प्री फार्मेसी टेस्ट (पीएफटी) और इंजीनियरिंग कालेजों में प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के बिना प्रवेश कराना शुरू कर दिया है। व्यापमं के प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) टेस्‍ट को भी घोटाले के बाद बंद किया गया है। मेडिकल कालेजों में प्रवेश देने के लिए नीट यूजी अनिवार्य किया गया है। वहीं इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश देने के लिए जेईई मेंस के नतीजों को आधार बनाया गया है।

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