किराये के मकान में रहने वालों के लिए ज़रूरी ख़बर, सरकार बदलने जा रही है ये नियम।
सरकार का बड़ा ऐलान,किरायेदारो के लिए मोदी सरकार। 27/08/2020(Opens in a new browser tab)
किराए पर रहने वालों के लिए केंद्र सरकार जल्द बड़ा कदम उठाने जा रही है. आवास और शहरी मामलों के
सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार का यह कदम किराये के आवास को बढ़ावा देने के उद्देश्य
से उठाया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा हाउसिंग सेक्टर पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए
उन्होंने यह जानकारी दी.
किराये के मकान में रहने वालों के लिए ज़रूरी ख़बर, सरकार बदलने जा रही है ये नियम।
आवास सचिव:
आवास सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मौजूद वर्तमान किराया कानून किरायेदारों के हितों की रक्षा के हिसाब स
बनाये गये हैं. उन्होंने कहा कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश भर में 1.1 करोड़ से अधिक घर
खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं. मिश्रा ने कहा, “उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा
कि एक साल के भीतर हर राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें.
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने के बाद खाली फ्लैट में से 60-80 फीसदी
किराये के बाजार में आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर अपने बिना बिके घरों को किराये के आवास
में भी बदल सकते हैं.
आदर्श किराया कानून के बारे में जानिए-शहरी विकास मंत्रालय ने जुलाई 2019 में आदर्श किराया कानून का मसौदा जारी
किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि किराये में संशोधन करने से तीन महीने पहले मकानमालिक को लिखित नोटिस देना होगा.
जिला कलेक्टर:
इसमें जिला कलेक्टर को किराया अधिकारी के रूप में नियुक्त करने और किरायेदारों पर समय से अधिक रहने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने की वकालत की गयी है.
हाल ही में पेश किफायती किराया आवास परिसर योजना के बारे में मिश्रा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के स्वामित्व वाले लाखों फ्लैटों को बहुत सस्ते किराये पर प्रवासी श्रमिकों के लिये किराये के आवास में परिवर्तित करना है.
केंद्र सरकार के मॉडल टेनेंसी एक्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य इस संदर्भ में अगले एक साल में आवश्यक कानून पारित करा सकते हैं. मिश्रा ने कहा, हम एक बहुत बड़ा सुधार लाने जा रहे हैं. हम किराया कानून को बदल रहे हैं. आवास सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मौजूद वर्तमान किराया कानून किरायेदारों के हितों की रक्षा के हिसाब से बनाये गये हैं.
उन्होंने कहा कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश भर में 1.1 करोड़ से अधिक घर खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं. मिश्रा ने कहा, “उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि एक साल के भीतर हर राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें.