Radio School in मध्य प्रदेश ने रेडियो प्रसारणकर्ताओं के डिजिटल शैडो जोन तक पहुंचने का फायदा उठाया।
मध्य प्रदेश ने रेडियो प्रसारणकर्ताओं के डिजिटल शैडो जोन तक पहुंचने का फायदा उठाया।
कोविड-19 के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने का बच्चों के शैक्षिक स्तरों पर अच्छा-खासा प्रभाव पड़ा है। राज्य के असुरक्षित और अल्पसुविधा-प्राप्त समुदायों में तो स्थिति और भी खराब है। मध्य प्रदेश में शिक्षा में कमी को कम से कम रखने का एक महत्वपूर्ण पहलू राज्य के सुदूर क्षेत्रों में कंटेंट उपलब्ध कराने के साधन के बतौर रेडियो के उपयोग का लाभ उठाना रहा है। इस पहल से (फोटो में दर्शाए गए) अनूपपुर जिले के (ऐसे ही अन्य परिवारों में से एक) राठौर परिवार के छोटे शिक्षार्थियों को पढ़ाई के काम में सार्थक ढंग से लगने और मजेदार ढंग से सीखने में मदद मिली है। साथ ही, रेडियो कार्यक्रम परिवारों के लिए आवश्यक जागरूकता फैलाने और सूचनाएं देने में भी मदद कर रहा है।
दूरस्थ शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए ह्वाट्जऍप आधारित वीडियो का लाभ उठाना मुख्य प्रयास रहा है।
हमें अप्रत्याशित चुनौती का सामना करना पड़ रहा है इसलिए मध्य प्रदेश में हमारा लक्ष्य महामारी के प्रभाव को दूर करने के लिए शैक्षिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाना जारी रखना है। बच्चों के संपर्क में रहने और दूरस्थ शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय शिक्षा को केंद्र में रखकर तैयार किए गए अनेक वीडियो आधारित कंटेंट ह्वाट्जऍप संदेश के रूप में भेजे जाते हैं। इन दैनिक गतिविधियों में अंकगणित और भाषा के लिए शैक्षिक कंटेंट शामिल हैं। हमने सीखा है कि बच्चों के प्रभावी ढंग से जुड़े रहने के मामले में लोगों का संपर्क-संवाद भेजे जा रहे कंटेंट जितना ही महत्वपूर्ण है। संलग्नता वाला पैकेज बच्चों को जैसे ही भेजा जाता है, वैसे ही यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रभावी फीडबैक मैकेनिज्म कायम रहे, दोतरफा संवाद व्यवस्था बनाने के लिए शिक्षक अभिभावकों, बच्चों और अन्य हितधारकों से बात करते हैं।