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अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया

Amrullah saleh

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति (Afghanistan Vice President) अमरुल्लाह सालेह ने दावा किया है कि अब वह देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. सप्ताह के आखिर में काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के साथ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ कर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि उनका कोई अता-पता नहीं चलने के बाद वह अब देश के लीगल कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के खिलाफ आखिरी दम तक लड़ने की हुंकार भरते हुए खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है. अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और वैध केयरटेकर राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं.

अमरुल्लाह सालेह कौन हैं?

• अमरुल्लाह सालेह अभी अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में डटे हैं और यह वह इलाका है, जहां पर अभी भी तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है. पंजशीर घाटी राजधानी काबुल के पास स्थित है.

• 1980 से 2021 तक कभी भी तालिबान का कब्जा इस घाटी पर नहीं हो पाया. इसे नॉर्दन अलायंस के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद का गढ़ माना जाता है. अमरुल्लाह सालेह भी यहीं से आते हैं.

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• अमरुल्लाह सालेह फरवरी 2020 में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति बने. इससे पहले साल 2018 और साल 2019 में अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहे.

• वे 2004 से 2010 तक राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के प्रमुख के रूप अपनी सेवाएं दी. सालेह ने गुरिल्ला कमांडर मसूद के साथ 1990 के समय युद्ध लड़ा था.

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• साल 1990 में सोवियत समर्थित अफगान सेना में भर्ती होने से बचने के लिए सालेह विपक्षी मुजाहिदीन बलों में शामिल हुए थे. सालेह को खुले तौर पर पाकिस्तान का विरोधी माना जाता है, जबकि भारत का करीबी बताया जाता है.

अभी खत्म नहीं हुआ युद्ध

अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस स्थिति के लिए कई कारक हैं, लेकिन मैं उस अपमान का हिस्सा बनने के लिए तैयार नहीं हूं, जिसे विदेशी सेनाओं ने झेला था. मैं अपने देश के लिए और उसके लिए खड़ा हूं और युद्ध खत्म नहीं हुआ है.

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