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हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम • फर्जी दस्तावेजों से संपन्न घरानों के बच्चों को मिला  प्रवेश – Digital Education Portal
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हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम • फर्जी दस्तावेजों से संपन्न घरानों के बच्चों को मिला  प्रवेश

हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम । शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले का सपना जिले में मजाक बनता जा रहा है। इस अधिनियम के तहत ऐसे बच्चों को भी दाखिला मिल गया है जो पहले से ही निजी स्कूलों में पढ़ रहे थे। अभिभावकों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपने बच्चों को दाखिला दिला दिया। इसका स्कूल संचालकों ने विरोध भी किया। दूरी के मानक को भी ताक पर रख दिया गया। हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच करने के आदेश दिए हैं।

हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम• फर्जी दस्तावेजों से संपन्न घरानों के बच्चों को मिला  प्रवेश

दूरदर्शन के माध्यम से “हमारा घर हमारा विद्यालय” की जानकारी की साझा मध्यप्रदेश दूरदर्शन के माध्यम से बुधवार को रात्रि 8:30 बजे प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त राज्य शिक्षा श्री लोकेश कुमार जाटव ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।(Opens in a new browser tab)

गरीब व अपवंचित बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क दाखिला देने का प्रावधान है। ऐसे बच्चों को निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर दाखिला दिया जाता है।लेकिन बीते कुछ वक्त में आरटीई का लाभ लेने के लिए झूठे दस्तावेज और गलत जानकारियां देकर दाखिला लेने के भी मामले सामने आ रहे हैं। अब से पहले जिला स्तर पर गठित समितियां ही इनका चयन करती थी। लेकिन बीते साल से लॉटरी सिस्टम को मान्य कर दिया गया है।

गरीब व अपवंचित बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क दाखिला देने का प्रावधान है। ऐसे बच्चों को निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर दाखिला दिया जाता है।लेकिन बीते कुछ वक्त में आरटीई का लाभ लेने के लिए झूठे दस्तावेज और गलत जानकारियां देकर दाखिला लेने के भी मामले सामने आ रहे हैं। अब से पहले जिला स्तर पर गठित समितियां ही इनका चयन करती थी। लेकिन बीते साल से लॉटरी सिस्टम को मान्य कर दिया गया है।

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हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियमऐसे में दावा यह किया जाता है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है। लेकिन सत्र 2020-21 में आरटीई के तहत बहुत से ऐसे छात्रों का चयन हुआ है, जिनका परिवार पूरी तरह से संपन्न है। पिता कारोबारी या अच्छी दुकान चलाते हैं। लेकिन उनका आय प्रमाण पत्र किस तरह मानक पर खरा उतर गया, यह जांच का विषय है। इतना ही नहीं कुछ अभिभावकों की मिलीभगत इतनी अच्छी रही कि उन्होंने घर से स्कूल की दूरी के मानक को ही ताक पर रख दिया। आरटीई के तहत घर से एक किलोमीटर की परिधि वाले स्कूलों में ही बच्चे का निजी स्कूलों में प्रवेश हो सकता है। लेकिन हापुड़ में करीब तीन से चार किलोमीटर दूर स्थित स्कूलों में भी प्रवेश दिए गए हैं। यह एक दो नहीं बल्कि कई छात्रों के प्रवेश के समय मामला सामने आया है। स्कूलों ने आरटीई के नियमों का हवाला देकर ऐसे बच्चों को प्रवेश न देने की बात कही, तो अधिकारियों ने उन्हें सख्त निर्देश दे डाले।

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इस बार भी हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम आरटीई के तहत ऐसे बच्चों को दाखिले दिए गए जो पहले ही निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। अब आरटीई के तहत वह इन्हीं स्कूलों के लिए चयनित कर दिए गए हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरटीई में किस तरह सेंधमारी की जा रही है। ऐसे में गरीब छात्रों का कांवेंट स्कूलों में पढ़ाई का सपना अधूरा ही रह गया है।

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घर के एक किलोमीटर दायरे में ही मिल सकता है प्रवेश- हापुड़ के  कॉन्वेंट स्कूल  मैं हिंदी मीडियम

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आरटीई के तहत चयनित होने वाले छात्र अपने घर से एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले स्कूलों में ही प्रवेश ले सकते हैं। यह आरटीई का नियम है, लेकिन हापुड़ में इस नियम को ताक पर रखा गया है।

आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया

चरण छात्र – संख्या

प्रथम चरण – 980

द्वितीय चरण – 216

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता ने बताया आरटीई में छात्रों का चयन लॉटरी सिस्टम से होता है। इसमें पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाती है। कुछ शिकायतें मिली हैं, इसलिए इस तरह के मामलों में दस्तावेजों की जांच कराई जाएगी।

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