स्कूल शिक्षा विभाग ने दायर की केविएट मामला शिक्षकों की दक्षता परीक्षा का 3 एवं 4 जनवरी को होनी है 40% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों की परीक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग ने दायर की केविएट मामला शिक्षकों की दक्षता परीक्षा का 3 एवं 4 जनवरी को होनी है 40% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों की परीक्षा
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019 बीच में बोर्ड परीक्षाओं का 0 से लेकर 40% तक परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की दक्षता आकलन परीक्षा के आयोजन के विरुद्ध शिक्षकों द्वारा न्यायालय में दायर की जा रही याचिकाओं को देखते हुए विभाग द्वारा हाई कोर्ट में कैविएट दायर की जा रही है।
बोर्ड परीक्षाओं में 40% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की दक्षता परीक्षा
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा दसवीं एवं कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 0 से लेकर 40% तक परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की दक्षता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पिछले वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस में भी 40% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी के शिक्षकों के साथ ही केचमेंट एरिया के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की भी दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिससे कि बोर्ड परीक्षा में लगातार गिर रहे परिणाम की समीक्षा के साथ ही शिक्षकों की दक्षता का आकलन किया जा सके। लेकिन शिक्षक संवर्ग इससे काफी नाराज है।
कोर्ट में याचिका दायर करने से परीक्षा हुई स्थगित
27 एवं 28 दिसंबर को होनी थी परीक्षा
2019- में 40% से कम से परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की दक्षता परीक्षा विभाग द्वारा 27 से 28 दिसंबर को आयोजित की जा रही थी । जिसके विरुद्ध शिक्षक संवर्ग कोर्ट की शरण में गया एवं याचिका दायर कर दी। जिसके परिणाम स्वरूप अब परीक्षा को स्थगित करते हुए 3 एवं 4 जनवरी को निर्धारित किया गया है।
वर्ष 2018 19 में दक्षता परीक्षा के नाम पर शिक्षकों पर की गई कार्रवाई से नाराज शिक्षक
विदित है कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2018 19 में भी बोर्ड परीक्षा के गिरते हुए परिणामों को देखते हुए 40% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों के साथ ही केचमेंट एरिया के माध्यमिक शिक्षकों की दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस दक्षता परीक्षा में न्यूनतम दक्षता प्राप्त नहीं कर पाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकी गई। वेतन वृद्धि रोकने एवं कार्रवाई के डर की वजह से शिक्षक संवर्ग अब दक्षता परीक्षा लेने के विरोध में सड़क पर उतर आया है।
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पुलिया टूटने पर इंजीनियर एवं मरीज के मरने पर डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं तो शिक्षकों पर क्यों
स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं विभिन्न कर्मचारी संगठनों का दक्षता परीक्षा को लेकर घोर विरोध सामने आ रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जब पुलिया या कोई निर्माण कार्य होने के बाद उसके ध्वस्त होने पर जब इंजीनियर पर कोई कार्रवाई नहीं होती है एवं सरकारी अस्पताल में मरीज के मरने पर डॉक्टर पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो स्कूल शिक्षा विभाग में बच्चों के फेल होने पर शिक्षक पर कार्यवाही क्यों? कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार को एकरूपता लानी चाहिए । बच्चों के फेल होने पर केवल शिक्षक जिम्मेदार नहीं होते हैं अन्य कई परिस्थितियां बच्चों की असफलता का कारण बनती है इसको लेकर केवल शिक्षकों को बदनाम करने के लिए परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है। अगर सरकार दक्षता का आकलन करना ही चाहती है तो हर विभाग के कर्मचारियों की दक्षता का आकलन होना चाहिए।
शिक्षा विभाग ने दायर की केविएट
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की दक्षता परीक्षा के आयोजन में आ रही वैधानिक बाधाओं को समाप्त करने के लिए स्वयं हाई कोर्ट में केवियेट दायर कर दी है। केवियेट दायर करने से अब कोई भी दक्षता परीक्षा स्थगित करने के लिए याचिका दायर नहीं कर सकेगा।
3 एवं 4 जनवरी को होगी शिक्षक दक्षता परीक्षा
शिक्षकों की दक्षता परीक्षा अब 3 एवं 4 जनवरी को आयोजित की जा रही है. 3 जनवरी को हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल के शिक्षकों की परीक्षा होगी एवं 4 जनवरी को केचमेंट एरिया में आने वाले माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की परीक्षा होगी।