कोरोना संकट में मरीजों का इलाज करने के लिए स्टाफ की अस्पतालों में भारी कमी पड़ रही है। लगातार स्टाफ की कमी के कारण मरीजों के इलाज में परेशानी को देखते हुए अब बीएससी नर्सिंग और ट्रेनिंग सेंटर के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की इमरजेंसी कोविड ड्यूटी लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक (नर्सिंग) सपना लोवंशी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
मिलेगी 20 हजार सैलरी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक छह जिलों में इन नर्सिंग स्टूडेंट्स की पोस्टिंग सीएमएचओ के अधीन की गई है। इनमें ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, कटनी,विदिशा एवं बैतूल में 30-30 स्टूडेंट्स की ड्यूटी 31 मई तक के लिए लगाई गई है। इस दौरान इन स्टूडेंट्स को स्टाफनर्स के समान 20 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। सीएमएचओ इनकी ड्यूटी कोविड कंट्रोल ऑपरेशन में लगा सकेंगे। इन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा साधन पीपीई किट मुहैया कराए जाएंगे।
3 दिनों में नहीं पहुंचने पर होगी एस्मा की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 3 दिन के भीतर नर्सिंग स्टूडेंट्स को अपनी ज्वॉइनिंग देनी होगी। यदि छात्र नहीं पहुंचे तो उनपर एस्मा के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।
इन्हें दी जाए तैनाती
बीएससी नर्सिंग, जीएनएम, पोस्ट बेसिक बीएससी एवं एमएससी अंतिम वर्ष के सभी छात्र छात्राओं को। इन पाठ्यक्रमों में राज्य में इस समय तीन हजार के करीब छात्र छात्राएं पढ़ रहे हैं ऐसे में राज्य के अस्पतालों में मरीजों के इलाज में नर्सों की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी। हालांकि इंटर्न की वजह से इन्हें प्रशिक्षित स्टाफ के साथ ही तैनात किया जाएगा।
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