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नया नाम, वह भी बदनाम: पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर बड़ा सवाल- व्यापमं ने न तो चयनित आरक्षित उम्मीदवार बताए और न कट ऑफ Digital Education Portal

परीक्षा का दूसरा चरण बाकी, इसलिए चयन सूची और कट ऑफ जारी नहीं की। - Dainik Bhaskar

परीक्षा का दूसरा चरण बाकी, इसलिए चयन सूची और कट ऑफ जारी नहीं की।

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में गोपनीयता की आड़ में तथ्य भी छिपा रहा है। अब तक रिजल्ट में आरक्षित वर्गवार उम्मीदवारों की संख्या और कट ऑफ बताई जाती थी, लेकिन इस बार व्यापमं ऐसा कुछ नहीं बता रहा। आरोप है कि कई ऐसे उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है, जिनके कम अंक हैं और कई ऐसे अयोग्य घोषित कर दिए गए, जिनके ज्यादा अंक हैं।

इस पर व्यापमं का कहना है कि परीक्षा नियम पुस्तिका के अनुसार हुई और परिणाम पूरी तरह पारदर्शी होगा। बता दें कि व्यापमं ने साल 2020 की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा इस साल 8 जनवरी से 17 फरवरी तक ऑनलाइन करवाई थी। इसके लिए पहला विज्ञापन 8 जनवरी 2021 को जारी किया था। तब 4000 पद तय थे। परीक्षा एक साल तक नहीं हुई।

25 जनवरी 2022 को गृह विभाग ने 2000 पद और बढ़ा दिए। व्यापमं ने 24 मार्च को रिजल्ट घोषित किया। उसका कहना है कि रिक्त पदों से 5 गुना ज्यादा और होमगार्ड के पदों को मिलाकर 31208 उम्मीदवार दूसरे चरण की परीक्षा के लिए पात्र हुए। दूसरे चरण में शारीरिक योग्यता, दौड़ आदि की परीक्षा देनी होगी। यही कारण बताकर व्यापमं ने चयन सूची और कट ऑफ जारी करने से मना कर दिया है।

व्यापमं के चार दावे, जो खुद सवालों में घिर गए

दावा 1 : पुलिस विभाग को 6000 पदों के विरुद्ध प्रथम चरण में 30000 अभ्यर्थियों की लिस्ट दी है। सवाल : पूरी लिस्ट आरक्षण के आधार पर क्यों नहीं?

दावा 2: रेंडम लिस्ट बनाई गई, जिससे यह पता नहीं लगाया जा सके कि मेरिट में कौन ऊपर है, कौन नीचे। सवाल : मेरिट जारी नहीं करने के पीछे तर्क क्या है? चयन का आधार क्या रहा?

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दावा 3 : प्रथम चरण के रिजल्ट में कट ऑफ नहीं बताया जाता है। 2016 एवं 2017 की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी ऐसा ही किया था। यदि इस चरण में कट ऑफ या मेरिट लिस्ट के अंक बता देने से फिजिकल टेस्ट की भी शुचिता प्रभावित होने की संभावना रहती है। सवाल : दोनों अलग-अलग बातें हैं। दोनों चरण के अंक अलग-अलग हैं। अधिकांश

परीक्षाओं में मेरिट और कट ऑफ अंक बताए जाते हैं तो इस परीक्षा में जारी क्यों नहीं?

दावा 4 : कुछ अभ्यर्थियों को पहले क्वॉलिफाई और बाद में नॉट क्वॉलिफाई बताने का सवाल ही नहीं है। पीईबी द्वारा परीक्षा परिणाम एक ही बार जारी किया गया है। सवाल : यह जानकारी जिन उम्मीदवारों ने दी है, उनके नाम सबके सामने हैं। इसकी जांच क्यों नहीं करवा रहे?

पुलिस आरक्षक के आरक्षित श्रेणीवार इन रिक्त पदों के लिए हुई परीक्षा

(ओबीसी को 27%, एससी को 16%, एसटी को 20%, ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण दिया गया। भूतपूर्व सैनिकों के लिए 10, होमगार्ड के लिए 15 और महिलाओं के लिए 33% आरक्षण रखा गया)

– रिजल्ट तो स्पष्ट है लेकिन यदि किसी ने कूटरचित किया है तो उम्मीदवार हमें बताएं। यदि गड़बड़ी हुई है तो इस पूरे विषय की जांच मैप आईटी के सहयोग से कराई जाएगी। – नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री

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