
मध्य प्रदेश शासन के 8 लाख कर्मचारियों और 5.50 लाख पेंशनरों के लिए बड़ी खबर है। नियमित कर्मचारियों को GPF का पैसा उनके रिटायर होने के 6 महीने बाद नहीं बल्कि 6 महीने पहले मिल जाएगा। इसी प्रकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन सरकारी खजाने से उनके बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाएगी, जैसे कि कर्मचारियों की सैलरी ट्रांसफर की जाती है।

50 सालों से नहीं बदला था तरीका
उल्लेख करना प्रासंगिक है कि मध्यप्रदेश में पिछले 50 सालों से कर्मचारियों को भुगतान के तरीके और नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि बदलाव की यह प्रक्रिया कुछ इस तरीके से पूरी की जाए कि विधानसभा चुनाव 2023 के पहले सभी को राहत महसूस हो और सरकार को पेंशनरों का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए।
तैयारी शुरू हो गई है। प्रताप बनाया जाएगा। प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा और अंत में मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। संतोष की बात यह है कि जेके शर्मा, संचालक, पेंशन संचालनालय ने समाचार की पुष्टि कर दी है।