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कृषि बिल: न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर डरे हुए क्यों हैं किसान?

रविवार को राज्यसभा में पारित हुए नए कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर विपक्ष के बढ़ते विरोध के बीच केंद्र सरकार ने फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का फै़सला किया है.

कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने सोमवार को इसके लिए मंज़ूरी दे दी है. कृषि मंत्री ने रबी की छह फ़सलों की नई एमएसपी जारी की है. ये फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब कृषि संबंधी नए विधेयकों को लेकर किसान चिंतित हैं कि इससे मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर असर पड़ने वाला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फ़ैसले को लेकर ट्वीट किया, “बढ़ा हुआ एमएसपी किसानों को सशक्त करेगा और उनकी आय दोगुनी करने में योगदान देगा. संसद में पारित कृषि सुधारों से संबंधी क़ानून के साथ-साथ बढ़ा हुआ एमएसपी किसानों की गरिमा और समृद्धि सुनिश्चित करेगा. जय किसान!”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की ओर से इस बात के आश्वासन के बावजूद कि नए क़ानून से एमएसपी पर असर नहीं पड़ेगा, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के किसान इन विधेयकों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इन तीनों बिलों को लेकर अलग अलग तरह की चिंताएं जताई जा रही हैं. किसानों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर काफ़ी संवेदनशीलता देखी जा रही है.

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