स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 से 40% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए थे । जिसके विरुद्ध शिक्षकों द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया l न्यायालय के आदेश के अनुरूप इन शिक्षकों को अंतिम सुनवाई का मौका दिया जाना है।
शिक्षा विभाग द्वारा एकतरफा की गई थी कार्यवाई, शिक्षकों को सुनवाई का नहीं दिया गया था मौका
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष बोर्ड परीक्षा के परिणामों की समीक्षा की जाती है। इस दौरान वर्ष 2018 19 में बोर्ड परिणाम जिन स्कूलों के 40% से कम रहे थे , उन स्कूलों के शिक्षकों एवं केचमेंट एरिया में आने वाले माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की दक्षता परीक्षा आयोजित की गई थी। दक्षता परीक्षा में शिक्षकों को पाठ्यपुस्तक ले जाने की अनुमति दी गई थी। बावजूद इसके ऐसे शिक्षक जो की दक्षता परीक्षा में न्यूनतम दक्षता को हासिल नहीं कर पाए थे, उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी किए गए थे ।वेतन वृद्धि रुकने से गुस्साए शिक्षकों द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया ।न्यायालय ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों का पक्ष नहीं सुनकर एकतरफा की गई कार्यवाही के विरुद्ध शिक्षकों की सुनवाई के आदेश जारी किए गए। जिस के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा 30 दिसंबर 2020 को ऑनलाइन सुनवाई का अवसर उन शिक्षकों को दिया गया था जिन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है ।
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30 दिसंबर को यानी आज होना थी ऑनलाइन सुनवाई
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में जारी किए गए पत्र अनुसार वर्ष 2018-19 में 40% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के विरुद्ध कोर्ट के आदेश अनुसार सुनवाई 30 दिसंबर 2020 को ऑनलाइन होना थी जिसे अब अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए 4 जनवरी 2021 तक टाला गया है।
अब 4 जनवरी को होगी वेतन वृद्धि रोकने के विरुद्ध शिक्षकों की सुनवाई
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे शिक्षक जिनका वर्ष 2018 19 में परीक्षा परिणाम 40% से कम रहा है , एवं जिन की वेतन वृद्धि रोकी गई है। उनकी सुनवाई का मौका ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 4 जनवरी 2021 को करने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। सुनवाई केवल 19 शिक्षकों की होगी जो कि न्यायालय की शरण में गए थे।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी सुनवाई के आदेश

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