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गृह संपर्क अभियान: वाह गुरुजी… कुछ टीचर फील्ड में गए ही नहीं, कुछ ने स्कूली बच्चों और उनके घर के फोटो के बजाय टेबल, कुर्सी, पेड़ और गाड़ी के फोटो कर दिए अपलोड, राज्य शिक्षा केंद्र ने दिए कार्यवाही के निर्देश Digital Education Portal – Digital Education Portal
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गृह संपर्क अभियान: वाह गुरुजी… कुछ टीचर फील्ड में गए ही नहीं, कुछ ने स्कूली बच्चों और उनके घर के फोटो के बजाय टेबल, कुर्सी, पेड़ और गाड़ी के फोटो कर दिए अपलोड, राज्य शिक्षा केंद्र ने दिए कार्यवाही के निर्देश Digital Education Portal

  • समग्र आईडी और मोबाइल नंबर गलत दर्ज हैं…यानी भोपाल में यह अभियान मजाक बनकर रह गया है…
  • समीक्षा में हकीकत आई सामने, प्रदेश में भोपाल सबसे पीछे, सिर्फ 4 फीसदी काम हुआ, अभी 51वी रैंक पर

हमारे शिक्षक कितने संजीदा है। इसका एक उदाहरण स्कूल शिक्षा विभाग का गृह संपर्क अभियान है। ये अभियान ज्यादातर बच्चों के नाम स्कूलों में दर्ज कराने की खातिर शुरू हुआ है। इसमें शामिल शिक्षकों को हिदायत दी गई थी कि वे बच्चों के घर-घर जाकर उनसे या अभिभावकों से बातचीत करेंगे।

उनके घर के फोटो जियो टेक के जरिए एप पर अपलोड करेंगे। लेकिन हुआ उल्टा। कई शिक्षक बच्चों के घर ही नहीं पहुंचे। कहीं से भी बच्चों के फोटो हासिल किए और घर के बजाय टेबल, कुर्सी, झाड़, पेड़ आदि के फोटो ऐप पर अपलोड कर दिए। यह असलियत अभियान की समीक्षा के दौरान उजागर हुई। सिर्फ इतना ही नहीं, यह काम उन्हें स्वंय करना था, बदले किसी अन्य को यह जवाबदारी सौंप दी। यानी अभियान भोपाल में मजाक बन गया। अधिकारियों ने शिक्षकों के इस व्यवहार पर नाराजगी भी जताई है। सर्वे का काम 31 अगस्त तक होना है। 15 अगस्त से शुरू हुए सर्वे के तहत भोपाल में महज 4% काम हुआ है। इस कारण प्रदेश भर में भोपाल की सबसे आखिरी रैंक है। राज्य शिक्षा केंद्र ने यह रिपोर्ट सभी जिलों के कलेक्टरों को भेजी है।

31 अगस्त तक हाेना है सर्वे..15 अगस्त से शुरू हुए सर्वे के तहत भोपाल में महज 4 फीसदी काम हुआ है। इस कारण प्रदेश भर में भोपाल की सबसे आखिरी रैंक है।

इन दो कैटेगरी में बच्चों का सर्वे होना है..

  • 5 से 8 साल तक की उम्र के बच्चों को का स्कूल में प्रवेश करवाना (इसमें पन्ना जिला अब तक 55 फीसदी सर्वे करके पहली रैंक पर है)
  • जो बच्चे पढ़ना छोड़ चुके हैं। उन्हें समग्र आईडी के आधार पर चेक करना कि वह कहां है (इस में 76.6% के साथ उमरिया पहले स्थान पर है)

भोपाल की यह स्थिति

पहली कैटेगरी में 5 से 8 साल तक की उम्र के बच्चों के सर्वे के मामले में भोपाल को 90,706 का टारगेट मिला जबकि अब तक सिर्फ 3857 बच्चों का ही सर्वे हुआ है। दूसरी कैटेगरी में स्कूल छोड़ चुके बच्चों के सर्वे के मामले में भी भोपाल सबसे पीछे है। भोपाल को 52,841 का टारगेट मिला, लेकिन सर्वे सिर्फ 797 का ही हुआ।

शिक्षकों को मिली लिस्ट में विसंगति है। जियो टेक से सर्वे कर रहे हैं। समग्र आईडी और मोबाइल नंबर गलत अंकित है। इस कारण सर्वे करने में व्यवहारिक समस्या आ रही है। -सुभाष सक्सेना, प्रवक्ता, मप्र शिक्षक कांग्रेस

समीक्षा के दौरान कुछ शिकायतें मिली हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर डीपीसी कार्रवाई करेंगे। अभियान की डेट लाइन 31 अगस्त तय की गई है। – राकेश पांडे, सहायक संचालक एवं प्रभारी, गृह संपर्क अभियान

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