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मुल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव : राज्य शिक्षा केंद्र ने किया प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के मुल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव जारी किया आदेश

मुल्यांकन पद्धति राज्य शिक्षा केंद्र : निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम और मूल्यांकन की प्रक्रिया के संबंध में राज्य शासन द्वारा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को शैक्षिक प्राधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है।
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत प्राथमिक स्तर पर 200 दिवस एवं माध्यमिक स्तर पर 220 दिवस शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन अनिवार्य है। परंतु covid-19 की वैश्विक महामारी के कारण प्रदेश के सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों को खोला जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के नियम अट्ठारह तीन में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा कक्षा 1 से 8 के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम की विषय वस्तु को निम्नानुसार पुनर नियोजित किया गया है-

मुल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव अब ऐसे होगा मूल्यांकन

स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिवासी विभाग के शिक्षकों का बीएड में प्रवेश 2020 हेतु कैलेंडर जारी(Opens in a new browser tab)

Face to face mode classroom digital radio TV class – लगभग 60% पाठ्यक्रम
Home assignment project work – लगभग 40% पाठ्यक्रम

बीआरसीसी/बीएसी/सीएसी के अकादमिक सपोर्ट क्षमता वर्धन के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का लोकार्पण कार्यक्रम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी(Opens in a new browser tab)

राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा निर्धारित उपरोक्त पाठ्यक्रम अनुसार अब मूल्यांकन 60% डिजिटल माध्यमों से पढ़ाए जा रहे गतिविधियों के आधार पर तथा 40% प्रोजेक्ट वर्क एवं गृह कार्य के आधार पर किया जावेगा |

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