12वीं क्लास के रिजल्ट का फार्मूला निकालने में मप्र, यूपी और छत्तीसगढ़ से भी पिछड़ गया है। 20 दिन से फार्मूले को लेकर कवायद चल रही है। सोमवार को एक बैठक फिर होने वाली है। इसमें निर्णय के आसार हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने मंत्रियों का समूह भी बनाया। अधिकारियों एवं विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाई गई। उत्तर प्रदेश ने 11वीं की सालाना परीक्षा और 12वीं के रिवीजन टेस्ट के मान से 50-50 का अनुपात तय कर लिया।
इसलिए आईं अड़चनें
शुरुआत में 10वीं 11वीं की सालाना परीक्षा और 12वीं की छमाही या प्री बोर्ड के नंबरों का फार्मूला तय किया गया। इसमें यह अड़चन आई कि प्रदेश के निजी स्कूलों के पास पिछले साल की 11वीं कक्षा का रिजल्ट नहीं था। फिर सिर्फ 10 वीं कक्षा के रिजल्ट के प्रोजेक्शन के आधार पर और दसवीं की सालाना परीक्षा और बारहवीं की छमाही परीक्षा या रिवीजन टेस्ट के आधार पर रिजल्ट के सुझाव आए।
सीधी बात- इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री
समिति बना दी थी, छात्र हित सर्वोपरि
- फाॅर्मूला तैयार करने में मप्र क्यों पिछड़ गया?
पिछड़ा बिल्कुल नहीं है, समिति पहले ही बना दी गई थी। छात्रों का हित सर्वोपरि है। सोच समझकर ही तय किया जा रहा है।
- रिजल्ट के लिए क्या फाॅर्मूला तय हो रहा है? यह कब तक तय हो जाएगा?
सोमवार को जरूरी बैठक हो रही है। इसमें हम फाॅर्मूला तय कर लेंगे।
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