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अटक सकता है मध्यप्रदेश के सात लाख कर्मचारियों का इन्क्रीमेंट ग्वालियर के ट्रेजरी ऑफिसर केपत्र से हड़कंप, 1,000 करोड़ का संकट

सरकार प्रदेश के करीब 7 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों का इंक्रीमेंट रोक सकती है। इसका खुलासा आईएफएमएस सॉफ्टवेयर के पोर्टल से इंक्रीमेंट ऑप्शन हटाने से हुआ है। सातवें वेतनमान का डीए पहले ही सरकार ने नहीं दिया है। एरियर्स भी रुका हुआ है।

सरकार हर साल जुलाई में सभी नियमित

अधिकारियों-कर्मचारियों (चतुर्थ से लेकर द्वितीय श्रेणी तक) को 3.5 प्रतिशत इंक्रीमेंट का लाभ देती है। इन्क्रीमेंट के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इस बार इंक्रीमेंट नहीं मिलने के संकेत ग्वालियर के वरिष्ठ जिला कोषालय अधिकारी के एक पत्र से मिले हैं। उन्होंने जिले के सभी आहरण और संवितरण अधिकारियों को सूचना दी है कि आईएफएमआईएस पर वर्तमान में विभिन्न आहरण अधिकारियों को वेतन एवं वेतनवृद्धि की सुविधा अपिरहार्य कारणों से उपलब्ध नहीं है।

इन्क्रीमेंट रोकने किए है वजह सरकार की वित्तीय स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है।

  • केंद्रसरकार से दो माह से एक पैसे की मदद नहीं मिली।
  • सरकार को 4,500 करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ा है।
  • कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अलग बजट का प्रबंध करना पड़ा।
  • विधानसभा बजट मंजूर नहीं होने से आगे की कार्रवाई प्रभावित।

मुख्य सचिव को लिखा पत्र

मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल मामले में निराकरण कराने की मांग की है। शुक्रवार को एक और पत्र देकर रिमाइंडर कराया है।हमें साल में एक बार इंक्रीमेंट मिलताहै,इसे भी रोका गया तो संगठन अपनी लड़ाई लड़ेगा।

-जितेंद्रसिंह,अध्यक्ष मप्र राज्य कर्मचारी संघ

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