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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना | Beti Bachao Beti Padhao Yojana in hindi – Digital Education Portal

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 2021 (Beti Bachao Beti Padhao in hindi) [लाभ, उद्देश्य, फॉर्म] Online Form Download, Eligibility
भारतीय समाज और उसकी रूढ़ीवादी परंपराओं के चलते भारतीय बेटियों ने बहुत सारी यातनाएं और परेशानियां कई वर्षों तक झेली है। लोगों का बेटियों को गर्व ना मानकर एक अभिशाप मानकर उनका हनन करना और हर समय बेटियों को बेटों से कम समझकर उनके सपनों का हनन करना और उनको कभी भी किसी भी प्रकार के अवसर पर अनुमति ना देना यह हमारे समाज की आज तक की रीति रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा जितना हक इस समाज में बेटों का हक है उतना ही हक बेटियों का भी होगा बिना किसी भेदभाव , जातिवाद और रंगभेद के तो चलिए जानते हैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में पूरी जानकारी –

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत (Beti Bachao Beti Badhao Launched)

हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 24 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को हरियाणा के पानीपत में नींव लगाकर शुरू करी। भारतीय समाज में हो रहे महिलाओं के मानवाधिकारों के हनन को देखते हुए प्रधानमंत्री जी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत करी और समाज में सभी जगह तबके में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का कार्य किया है। बेटियों को भी बेटा जितना हक देकर उन्हें एक समान जीवन जीने की इस मुहिम के तहत सबसे पहले बेटियों को बचाना है और उसके बाद उन्हें पढ़ाना है ना की बेटों की चाह में बेटियों की हत्या कर देनी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम की देखरेख तीन भारतीय मंत्रालयों द्वारा की गई है जिनमें महिला और बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय शामिल हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है? (what is beti bachao beti padhao in hindi)

भारत में ऐसे बहुत सारे राज्य जिले और गांव है जहां पर आज भी बेटियों की जन्म से पहले ही हत्या कर दी जाती हैं और इसी कारण हमारे देश में बेटियों का शिशु लिंग अनुपात बहुत ही कम रह गया है। हमारे देश में हजार लड़कों पर केवल 940 लड़कियां पैदा होती हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रधानमंत्री ने 100 ऐसे जिलों को चुना है जहां पर महिला लिंगानुपात पुरुष लिंग अनुपात से बहुत ही कम है। इन 100 जिलों में लोगों को बेटियों को बेटों की तरह एक समान हक देने और उनकी जन्म से पहले हत्या ना कर देने से लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस मुहिम के तहत सभी गांव वालों को एक साथ सामूहिक रूप से बुलाकर उनको जागरूक किया जा रहा है महिला सशक्तिकरण के लिए।इस मुहिम के जरिए सभी माता पिता को अपनी बेटियों को किसी भी हालत में पढ़ना है और अगर आप आर्थिक दृष्टि से कमजोर है तो बाकायदा सरकार आपकी मदद करेगी । अब आपको अपनी बेटियों को ना केवल चूल्हे- चौके तक सीमित रखना है बल्कि उनके सपनों के पतंग की डोर बनना है आपको।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम ग्रामीण क्षेत्रों में (beti bachao beti padhao abhiyan in hindi)

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को लागू करने के बाद यह पूरी देश में काफी तेजी से ग्रो करने लगी। लोग अपनी बेटियों के साथ सेल्फी खींच कर प्रधानमंत्री मोदी को भेज रहे है। भारत सरकार का यह परिवर्तन कारी बदलाव महिला सशक्तिकरण के लिए धीरे-धीरे समाज के अंदर बेटियों के नजरिए को लोगों के मन में बदल रहा था। बेटियां हो ना कोई दो या फिर अभिशाप नहीं है बल्कि बेटियां होना गर्व की बात।इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर महीने रेडियो के जरिए मन्न की बात से पूरे भारत के लोगो से बात करी हैं बेटियों के विकास को लेकर। धीरे -धीरे यह योजना अपनी पकड़ देश के सभी राज्यों और जिलों में बना रही हैं और गांव – गांव में जाकर शिक्षण के अंदर नुक्कड़ नाटक द्वारा बेटियों की महत्वता को लोगों के सामने बताया जा रहा है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लक्ष्य और विकास (beti bachao beti padhao targets)

बलात्कार, अत्याचार,सोषण और भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी समस्याएं हमारी बेटियों कोना केवल खत्म कर रही थी बल्कि उनके जीवन में जहर भी घोल रही थी।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के बाद अब बालिका शिक्षा और काश पर काफी जोर दिया जा रहा है जिसे बालिकाओं को सरकारी विद्यालयों के द्वारा फ्री में शिक्षा मिल पा रही।ऐसे बहुत सारे जिले हैं जिन्होंने अपने स्तर पर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और बालिका को बचाने के लिए जिला कार्य बल और ब्लॉक कार्यबल जैसे अनुसंधान घटित की दे हैं और इन संगठनों की बैठक सभी गांव और जिलों के लोगों के साथ ही जाती हैं और लोगों में जागरूकता फैलाएं जाती है।निमित्त रुप से इंसान रनों के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भीम से संबंधित रेलिया करी जाती हैं।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सबसे अच्छा उधर आना कर दिया जाता है तो वह पंजाब मैं दिए जाता है क्योंकि पंजाब में बेटियों की सपनों के बेटियों के सपनों को उड़ान देने के लिए सभी विद्यालयों में बरावही अक्सा से लेकर छठी कक्षा शक्ति बच्चियों को एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है।इस कार्यक्रम में सभी बेटियों को अपने प्रोफेशन से रिलेटेड पूछा जाता है कि वह भविष्य में क्या बनना चाहती हैं हिसाब से उन्हें अपने पसंदीदा प्रोफेशन के साथ एक दिन वैसे को मिलते हैं यानि कि अगर कोई डॉक्टर बनना चाहती है तो उसे एक दिन जिले के अच्छे डॉक्टर के साथ बातचीत करने उनके प्रोफेशन को समझने की पूरी छुट्टी जाती है।यह इतनी अच्छी योजना है जिसके सहाब देश के बाकी राज्य भी अपने अपने राज्य में इसी प्रकार की बेटियों को पढ़ाने और बचाने की मुहिम लागू करने का प्रयास कर रही हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सफलता (beti bachao beti padhao success stories)

देश के 100 जिलों में चल रही बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अच्छे नतीजों से उत्साहित अब इसे देश के 61 और पिछड़े जिलों में लागू करने जा रही है। इन 61 जिलों में 11 राज्य आते हैं जो को इस प्रकार है –
1.उत्तर प्रदेश – अलीगढ़,इटावा , फिरोजाबाद, हमीरपुर, सहारनपुर,महोबा, फर्रुखाबाद जालौन, इटा, बिजनौर और मैनपुरी शामिल है।

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  1. दिल्ली के 2 जिले – उतर पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी।
  2. गुजरात के 4 जिले – आंनद,अमरेली ,भानगर और पाटन।
  3. हरियाणा के 8 जिले – गुड़गांव, फरीदाबाद ,हिसार, फतेहाबाद पंचकूला, सिरसा, पलवल ,जिंद।
  4. हिमाचल प्रदेश के 2 जिले – कांगड़ा और हमीरपुर।
  5. जम्मू कश्मीर के 10 जिले – श्रीनगर, बारामुला, शोंपिया, उधमपुर, बांदीपुर, कुलगाम, राजरी, सांबा, गंधेर बल और कुपवाड़ा शामिल है।
  6. मध्प्रदेश के 2 जिले – रेवा और टीकमगढ़।
  7. महाराष्ट्र के 6 जिले – हिंगोली ,सोलापुर,नाशिक ,लातूर ,पनाभी और पुणे।
  8. पंजाब के 9 जिले – बठिंडा ,लुधियाना, हसियापुर , फरीदकोट,भगत सिंह नगर, मोगा,रूपनगर, कपूरथला, जलंधेर।
  9. राजस्थान के 4 जिले – जैसलमेर जोधपुर हनुमानगढ़ और टोंक शामिल है।
  10. उत्तराखंड के 3 जिले – देहरादून ,चमोली और हरिद्वार शामिल है।

इन सभी अलग-अलग राज्यों के 61 जिलों में एनडीए सरकार का केवल एक ही लक्ष्य है लिंगानुपात को कम करना और लोगों के प्रति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूकता पैदा करना है।

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