लवजिहाद” रोकने संबंधी मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 शनिवार से इस राज्य में लागू कर दिया गया है और इसके तहत प्रलोभन और भय के तहत धर्म परिवर्तन करने और कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि शनिवार से मध्यप्रदेश में “धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020” ने मूर्तरूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 का गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। शनिवार से ही कानून लागू हो गया है। अब जबरन, भयपूर्वक, डरा- धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति,संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था की शिकायत प्राप्त होते ही तत्काल अध्यादेश में किए गए प्रावधानों के मुताबिक संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन पर 10 वर्ष की सजा का प्रावधान
स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को राजपत्र (राजपत्र) में अधिसूचित किया गया है। अब यह कानून प्रभावी हो गया है।
इस बिल के अनुसार शादी या अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण अपराध की श्रेणी में होगा। इस मामले में अधिकतम 10 वर्ष की कैद की सजा है। वहीं एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान बताया।
गृह विभाग की ओर से मध्यप्रदेश के राजपत्र में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को शनिवार से अधिसूचित कर दिए जाने के साथ ही यह अध्यादेश लागू हो गया है। इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विधिवत पत्र खिलकर सूचना दे दी है।
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श्री मिश्रा ने लिखा है “प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। सरकार ने बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए धार्मिक स्वतत्रंता अध्यादेश 2020 लागू कर दिया है। धर्म बदलने के लिए हमारी बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को अब हम नहीं छोड़ेंगे।”
श्री मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि देश का हर जिम्मेदार नागरिक फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की तरह मप्र धार्मिक स्वतंत्रता कानून की सराहना कर रहा है। धर्म परिवर्तन के लिए हमारी बेटियों के साथ होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए कड़ा कानून बेहद जरुरी था।
यह एक सराहनीय कदम : कंगना रनौत
इस बीच महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित फिल्म धाकड़ की शूटिंग के सिलसिले में भोपाल आयीं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने मध्यप्रदेश में इस कानून को लागू करने को सराहनीय बताया है। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि यह बहुत अच्छा कानून है। लोगों को यह समझना चाहिए कि कानून उनके लिए हैं, जिन्हें परेशानी हुयी है। ऐसे लोग जो नाम या अंतर्जातीय विवाह या किसी तरह की अन्य धोखाधड़ी के कारण विवाह में धोखा खाते हैं। यह खुशी की बात है कि अंतत: सरकार ने इस तरह का कानून बना दिया।
कठोर सजा का प्रावधान
धर्म छिपाकर (कथित लव जिहाद) शादी के अपराध में तीन साल से दस साल तक की जेल और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान रखा गया है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रयास पर पाँच से दस साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
नाबालिग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संग ऐसा अपराध करने पर दो से दस वर्ष की कैद का प्रावधान है। वहाँ से कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का रखा गया है।
यही नहीं इस बिल में अपनी इच्छा से धर्म संपरीक्षण करने वाले या प्रदान करने वाले शख्स को 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी को सूचित करना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर कम से कम तीन से पांच वर्ष की कैद और कम से कम 50 हजार रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।
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