अंकुश ओहरी, फगवाड़ा
प्रदेश सरकार ने भले ही कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामले के चलते प्रदेश में स्कूल- कॉलेजों को खोलने से इंकार कर दिया है लेकिन शहर के कई स्कूल व कॉलेज प्रबंधकों ने स्कूलों को खोलने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बेशक अभिभावकों अभी बच्चों को महामारी के खात्मे तक स्कूल-कॉलेज भेजने के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं। एहतियातन यदि शिक्षण संस्थानों को खोलना पड़ा है तो सबसे पहले नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है लेकिन वो भी अभिभावकों की सहमति के साथ। बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित प्रबंधकों के लिए बड़ी चुनौती होगी।
कॉलेज करवाया सैनिटाइज : डॉ. व्योमा भोगल ढट्ट
रामगढि़या इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजिनियरिग एंड टेक्नोलाजी की डायरेक्टर डॉ. व्योमा भोगल ढट्ट के मुताबिक कॉलेज की ओर से सभी इंतजाम कर लिए गए हैं।
कालेज की हर जगह को सैनिटाइज कर दिया गया है व बच्चों के आने पर उन्हें भी सैनिटाइज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के ओर से कालेजों को खोलने के आदेश जारी किए जाएंगे तो प्रबंधक कमेटी की ओर से सेहत विभाग की ओर से जारी एसओपी पर पूर्ण रूप से अमल किया जाएगा। कॉलेज में आने वाले विद्यार्थियों में शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जाएगा।
बैग में सैनिटाइजर व गर्म पानी रखना होगा जरूरी
टैगोर पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल विपन ढींगरा ने कहा कि कोरोना महामारी के समय स्कूल-कॉलेज खोलना सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आयी है। बच्चों के साथ ही प्रबंधकों तथा अभिभावकों को भी मानसिक रूप से तैयार होना पड़ रहा है। उनकी तरफ स्कूल खोलने पर बच्चों के बैग में कापी-किताबों के अलावा मास्क, सैनीटाइजर व गर्म पानी की बोतल जैसी अन्य जरूरी व सावधानी वाली वस्तुएं होना लाजिमी बनाया जाएगा।
स्कूल खोलने की तैयारियां पूरी सुरक्षा का रखा जाएगा ध्यान
खालसा कॉलेज डूमेली के प्रिंसिपल डॉ. गुरनाम सिंह रसूलपुर का कहना है कि शिक्षण संस्थान खोलने की तैयारियों को अंतिम रूप देकर सब कुछ सुनिश्चित कर लिया गया है। इस बार शिक्षा देने का स्वरूप काफी हद तक बदलाव वाला होगा। बच्चों के कॉलेज में आने पर ही थर्मल स्क्रीौिंग सैनिटाइजेशन के अलावा कक्षा में बैठने को लेकर भी नए प्रोटोकोल के तहत ही काम होगा। कक्षाओं में पहले की अपेक्षा मात्र आधे बच्चों को ही बिठाया जाएगा।