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वैज्ञानिकों का दावा अगर हुई यह बीमारी तो नहीं होगा कोरोना
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वैज्ञानिकों का दावा अगर हुई यह बीमारी तो नहीं होगा कोरोना

वैज्ञानिकों का दावा अगर हुई यह बीमारी तो नहीं होगा कोरोना

चीनी वायरस कोरोना से दुनियाभर में हाहाकार जारी है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 के पार पहुंच गया है। जबकि मृतकों की संख्या भी 9 लाख 63 हजार के पार पहुंच गया है। वहीं अबतक 2 करोड़ 13 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। इस बीच भारत दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। जबकि ब्राजील तीसरे और रूस चौथे नंबर पर है।

देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 55.62 लाख के पार पहुंच गया है। जबकि कोरोना की चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर साढ़े 89 हजार के करीब पहुंच गया है।

अच्छी बात ये है कि देश में पिछले चार दिनों से संक्रमितों की संख्या के मुकाबले ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं। अब तक तकरीबन 45 लाख लोग ठीक होकर अपने-अपने घरों को पहुंच चुके हैं।

इन सबके बीच कोरोना से लड़ने की दवाई और इसके वैक्सीन पर दुनिया भर लगातार रिसर्च जारी है। ताजा रिसर्च से कोरोना वायरस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ताजा रिसर्च में डेंगू बुखार और कोरोना वायरस के बीच चौकाने वाला संबंध पाया गया है। रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों को एक बार डेंगू बुखार हो चुका है, उनके शरीर में इम्यूनिटी बन जाती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करती है। स्टडी के समझाने के लिए ब्राजील का उदाहरण लिया गया है, जहां पिछले साल डेंगू का प्रकोप फैला था।

ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिगुएल निकोलेलिस का दावा है कि डेंगू बुखार और कोरोना में आपस में संबंध है। निकोलेलिस ने इसके लिए 2019, 2020 में फैले डेंगू का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा कि निकोलेलिस ने बताया कि जिन जगहों पर इस साल या पिछले साल डेंगू फैला था वहां कोरोना वायरस के संक्रमण दर कम थी और संक्रमण बहुत धीमी गति से फैल रहा था।

रिसर्च के दौरान ब्राजील की कुछ आबादी में फैले कम कोरोना वायरस और डेंगू की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया। वहीं ब्राजील के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के बहुत ज्यादा मामले पाए गए थे। पिछले साल और इस साल के शुरूआत में ब्राजील का कुछ हिस्सा डेंगू से बुरी तरह प्रभावित था। ब्राजील के दूसरे हिस्सों के मुकाबले इन हिस्सों में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन फैलने में बहुत ज्यादा समय लगा। शोधकर्ताओं ने डेंगू के मामलों और COVID-19 की धीमी गति के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया।

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प्रोफेसर निकोलेलिस ने कहा कि स्टडी में कई दिलचस्प बातें सामने आईं। ‘जिनके खून में डेंगू की एंटीबॉडी पाई जाती है, कोरोना वायरस से संक्रमित ना होने के बावजूद टेस्ट में वो गलत तरीके से पॉजिटिव आ जाते हैं। जो बताता है कि दो वायरस के बीच एक प्रतिरक्षात्मक संबंध भी हो सकता है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी क्योंकि ये दोनों वायरस एक-दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं।’

उन्होंने कहा कि रिसर्च में डेंगू के फ्लेवीवायरस सेरोटाइप और SARS-CoV-2 के बीच एक खास संबंध है। उन्होंने कहा कि डेंगू वायरस की एंटीबॉडी कोरोना वायरस पर काम करती है। अगर ये सही साबित होता है तो ये कहा जा सकता है कि डेंगू संक्रमण या फिर डेंगू की एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा दे सकती है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि हालांकि इन दोनों वायरस के बीच संबंध के बारे में अभी और रिसर्च की जरूरत है।

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