स्कूल का नया फरमान ऑनलाइन क्लास में भी यूनिफॉर्म पहनकर बैठेंगे बच्चे अभिभावक अभी फीस के मुद्दे को लेकर ही परेशान हैं, लेकिन अब स्कूलों ने एक फरमान जारी कर दिया है कि ऑनलाइन क्लास में भी बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर ही बैठेंगे। यूनिफॉर्म न पहनने वालों को नहीं पढ़ाया जाएगा। अभिभावकों ने यह शिकायत अभिभावक समिति से की है। अभिभावकों का कहना है कि कुछ दिनों से बच्चों पर यूनिफॉर्म पहनकर ही ऑनलाइन क्लास में बैठने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह पूरा खेल यूनिफॉर्म के धंधे से जुड़े कारोबारियों से कमीशन पाने के लिए किया जा रहा है अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास बच्चा घर में बैठकर ही पढ़ाई करता है। ऐसे में यूनिफॉर्म पहनने का क्या तुक है। अभिभावक समिति में कुछ अभिभावकों ने इस बाबत शिकायत भी की है।
अब तक करीब दस स्कूलों के यूनिफॉर्म के लिए दबाव बनाने में नाम सामने आए हैं।
यूनिफॉर्म का मतलब दो हजार का खर्चा कई स्कूलों ने एक अभिभावक को दो जोड़ी यूनिफॉर्म खरीदने को कहा है। इसमें दो शर्ट, दो पैंट, टाई, जूते और मोजे होंगे। यानी उसे करीब दो हजार रुपये यूनिफॉर्म पर खर्च करने होंगे। इधर, फीस के साथ अभिभावकों को ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन और इंटरनेट का भी इंतजाम करना पड़ रहा है। कोरोना की वजह से पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभावकों को यूनिफॉर्म पर दो हजार रुपये खर्च करना मुश्किल लग रहा है।
यह गलत है, प्रशासन के सामने रखेंगे बात
अभिभावक समिति के अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है। स्कूल वाले यूनिफॉर्म पहनकर ऑनलाइन क्लास में बैठने का बच्चों पर दबाव बना रहे हैं। यह गलत है। जिला प्रशासन के सामने यह बात रखेंगे। स्कूलों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। यह सिर्फ परेशान करने वाली बात है और कुछ नहीं है।
‘यूनिफॉर्म पहनने को कहा है, दबाव नहीं डाला’
स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष पारुष अरोरा का कहना है कि बच्चों को ऑनलाइन क्लास के समय स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर बैठने की बात कही गई है। इसके लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है। दरअसल, कई बच्चे वीडियोकॉल रिसीव ही नहीं करते हैं। कुछ तो सीधे बिस्तर से उठकर आंख मलते हुए क्लास ज्वाइन करते हैं। कुछ बच्चे सिर्फ शार्ट्स पहनकर क्लास में बैठ जाते हैं। इससे पढ़ाई के दौरान माहौल खराब होता है। इसलिए सभी से यूनिफॉर्म पहनकर बैठने को कहा गया है। किसी पर कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है।