बिहार चुनाव में पीएम मोदी की कड़ी परीक्षा, राममंदिर शिलान्यास, कोरोना महामारी के बाद पहला मतदान
बिहार विधान सभा चुनाव के नतीजे अहम सवालों का जवाब देंगे। मसलन, चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब राममंदिर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है इसके अलावा कोरोना महामारी से निपटने हाल ही में संसद से पारित कृषि और श्रम क्षेत्र के जुड़े विधेयकों पर देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। जाहिर तौर पर नतीजे बताएंगे कि इन अहम मुद्दों पर जनादेश किसके साथ है। चुनाव का अहम मुद्दा महामारी है। लॉकडाउन के बीच ही लाखों प्रवासी मजदूरों ने अमानवीय स्थिति में पलायन किया।
पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा बिहार के मजदूरों की थी।
महामारी के निपटने के केंद्र के तरीकों पर मोदी सरकार के साथ बिहार सरकार भी निशाने पर रही है। विपक्ष केंद्र पर बेहतर प्रबंध न कर पाने का लगातार आरोप लगा रहा है
अभी कृषि विधेयक देशव्यापी बहस का मुद्दा बने हैं। राज्यसभा में विधेयकों को पारित कराने के दौरान हंगामा और देश में किसानों की ओर से शुरू किए आंदोलनों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। अब नतीजे बताएंगे किसके साथ जनादेश है।मिथक तोड़ना भाजपा के लिए चुनौती
लोकसभा चुनाव के बाद जिन चार राज्यों में चुनाव हुए हैं। वहां भाजपा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है। इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में पार्टी के वोट में 22 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई।
वहीं हरियाणा में गठबंधन की सरकार है। तो महाराष्ट्र और झारखंड की सत्ता भी गंवानी पड़ी। दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद आप पार्टी से चुनौती पेश नहीं कर पाई।अब बिहार के रूप में भाजपा की पांचवीं चुनौती है। पार्टी को साबित करना होगा कि लोकसभा चुनाव की तरह विधान सभा चुनाव में भी उनका जलवा बरकरार है