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Ganpati Puja : गणपति पूजा कब से है, जानिए भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना से लेकर पूजा तक का सही समय और मंगल मुहूर्त

Aaj ka Panchang, Ganesh Chaturthi (Ganpati Puja) 2020 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timings in India: आज गणेश चतुर्थी है. देशभर में आज लोग धूमधाम से गणेशोत्सव मनाएंगे. गणपति को घर लाकर आज विराजमान करेंगे और उनकी पूजा 10 दिन तक धूमधाम से करेंगे. आज घर-घर में गणपति की स्थापना की जाती है. गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतर्दर्शी तक यानी दस दिनों तक चलता है, इसके बाद चतुर्दशी को इनका विसर्जन किया जाता है. आइए जानते है आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त में मूर्ति स्थापना कब और कैसे करें…

22 अगस्त शनिवार

भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी रात्रि-11:34 उपरांत
पंचमी
शुभसंवत-2077,शाके-1942,हिजरीसन-1442-43
सूर्यास्त-06:23
सूर्योदय-05:37
सूर्योदयकालीननक्षत्र-हस्त.उपरांत चित्रा,साध्य-योग,व.-करण
सूर्योदयकालीन ग्रह-विचार-
सूर्य-कर्क,चन्द्रमा-कन्या,मंगल-मीन,बुध-सिंह
,गुरु-धनु,शुक्र-मिथुन,शनि-धनु,राहु-मिथुन,केतु-धनु

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक
रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक
वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक
चतुर्थी तिथि आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त 22 अगस्त की रात 7 बजकर 56 मिनट तक

चौघड़िया

प्रात: 06:00 से 07:30 तक चर
प्रातः 07:30 से 09:00 तक लाभ
प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक अमृत
प्रातः10:30 बजे से 12:00 बजे तक काल
दोपहरः 12:00 से 01:30 बजे तक शुभ
दोपहरः 01:30 से 03:00 बजे तक रोग
दोपहरः 03:00 से 04:30 बजे तक उद्वेग
शामः 04:30 से 06:00 तक चर **

इस समय न देखें चांद

आज सुबह 09 बजकर 07 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 26 मिनट तक

चतुर्थी तिथि 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ हो गई है.

पूजा विधि

भगवान गणेश मूर्ति की स्थापना करने के लिए सबसे पहले लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें, इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें. फिर उन्हें पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा चढ़ाएं. इसके बाद दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें. प्रसाद में लड्डू का वितरण करें.

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक

दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक

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रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक

चतुर्थी तिथि आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त 22 अगस्त की रात 7 बजकर 56 मिनट तक

चौघड़िया

प्रात: 06:00 से 07:30 तक चर
प्रातः 07:30 से 09:00 तक लाभ
प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक अमृत
प्रातः10:30 बजे से 12:00 बजे तक काल
दोपहरः 12:00 से 01:30 बजे तक शुभ
दोपहरः 01:30 से 03:00 बजे तक रोग
दोपहरः 03:00 से 04:30 बजे तक उद्वेग
शामः 04:30 से 06:00 तक चर **

इस समय न देखें चांद

आज सुबह 09 बजकर 07 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 26 मिनट तक

चतुर्थी तिथि 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ हो गई है.

पूजा विधि

भगवान गणेश मूर्ति की स्थापना करने के लिए सबसे पहले लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें, इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें. फिर उन्हें पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा चढ़ाएं. इसके बाद दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें. प्रसाद में लड्डू का वितरण करें.

उपाय

नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
आराधनाःॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ॥
खरीदारी के लिए शुभ समयःदोपहरः12:00 से 01:30 बजे तक लाभ
राहु काल:10:30 से 12:30 बजे तक.
दिशाशूल-नैऋत्य एवं पश्चिम
।।अथ राशि फलम्।।

उपाय

नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
आराधनाःॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ॥
खरीदारी के लिए शुभ समयःदोपहरः12:00 से 01:30 बजे तक लाभ
राहु काल:10:30 से 12:30 बजे तक.
दिशाशूल-नैऋत्य एवं पश्चिम
।।अथ राशि फलम्।।

गणेश उत्सव मे सर्वमान्य श्री गणेश आरती का अपना अलग ही महत्व है:

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

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