राजस्थान 3 महीने की संविदा नौकरी के लिए उमड़ी बेरोजगारों की भीड़ जान से ज्यादा नौकरी हुई प्यारी
देश व प्रदेश में बेरोजगारी का आलम क्या है, इसका आलम उस वक्त देखने को मिला जब कोविड-19 (COVID-19) आरटी पीसीआर लैंब संचालन के लिए राजस्थान सरकार के निर्देश पर शुरू हुए साक्षात्कार में संविदा पर 13 चिकित्सा अधिकारी व 94 पैरा मेडिकल स्टाप के लिए हजारों की संख्या में बेरोजगार नौकरी के लिए साक्षात्कार देने पहुंचे.
बेरोजगारों की भीड़ को देखते हुए व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी कडी मशक्कत करनी पड़ी. पद कम और कम सैलरी के बीच कई बेरोजगार युवा मायूस तो कई गुस्से में भी नजर आए.
कोरोना के चलते बेरोजगारी में इतना इजाफा हुआ है कि संविदा की 7774 रुपए प्रतिमाह सैलरी पाने वालों में कई जिलों के बेरोजगार दौसा पहुंच गए.
दरअसल, युवा पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहा था और कोविड-19 ने तो सब तहस-नहस करके रख दिया. सरकारी नौकरी की लालसा में युवा दर-दर भटकता है. लेकिन उन्हें फिर भी सरकारी नौकरी नसीब नहीं होती. अब तो संविदा की नौकरी पर भी एक पद पर सैकड़ों दावेदार अपनी दावेदारी जताते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला दौसा जिला मुख्यालय पर.
यहां जिला अस्पताल में संचालित होने वाली कोविड-19 आरटी पीसीआर लैब के लिए संविदा पर 13 चिकित्सक और 94 पैरामेडिकल स्टाफ के लिए हजारों की तादाद में दौसा सहित अन्य जिलों से युवा नौकरी के लिए दौसा पहुंचे. युवाओं से जब बात की गई तो उनका जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
युवाओं का कहना था सरकार सरकारी भर्तियां नहीं कर रही और कुछ भर्तियां निकलती भी है तो कोर्ट में अटका दी जाती है. ऐसे में 7000 की संविदा की नौकरी करने को मजबूर हैं. लेकिन वह भी नहीं मिल रही. युवाओं ने तो यहां तक कहा कि जिस नौकरी के साक्षात्कार के लिए आए हैं, वह कोविड-19 के सैंपल की जांच के लिए भर्ती की जा रही है. हर कोई जानता है कोविड-19 कितना खतरनाक है. लेकिन क्या करें पेट भी तो भरना जरूरी है. बेरोजगार युवा इतने मायूस हो चुके हैं की उन्हें अपनी जान से ज्यादा नौकरी की जरूरत है.
वहीं, जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ सी एल मीणा ने बताया कि राजस्थान सरकार के निर्देश पर जिला अस्पताल में आरटी पीसीआर लैब शुरू की जानी है. जिसके लिए स्टाफ की जरूरत है. ऐसे में संविदा पर स्टाफ भर्ती किया जा रहा है और जल्द ही कोविड-19 के सैंपल की जांच जिला अस्पताल में ही हो सकेगी. अभी जांच के लिए सैंपल जयपुर भेजे जाते हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट देरी से आती है. लेकिन जब जिला अस्पताल में लैब शुरू होगी तो जल्द रिपोर्ट मिलेगी और जल्द कोविड-19 मरीजों का उपचार शुरू हो सकेगा. संविदा पर होने वाली इस स्टाफ की भर्ती भी महज 3 महीने के लिए ही की जा रही है.
बता दें कि देश में बेरोजगारी का आलम एक बड़ी चिंता के रूप में उभरता जा रहा है. रोजगार के अभाव में जहां युवा आत्महत्या कर रहे हैं. फिलहाल देखने में आ रहा है कि परिवार भी बेरोजगारी के चलते सामूहिक आत्महत्या करने लगे हैं. ऐसे में जरूरी है प्रदेश या देश की सरकार रोजगार सृजन के लिए नीतियां बनाएं, जिससे देश के जिन युवाओं पर देश के भविष्य की जिम्मेदारी है, वह इस बेरोजगारी के आलम से उबर सकें.