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राशि तीन किस्तों में महिलाओं के खातों में जमा होगी केंद्र सरकार की योजना

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिले में क्रियान्वयन कर दिया है। यह योजना सामान्य व बीपीएल कार्ड धारक समेत सभी महिलाओं के लिए है। इसके तहत विभाग गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए आर्थिक मदद देगा। योजना के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने अब तक जिले में 6.5 हजार लाभार्थियों का चयन किया है।

सैलाना रोड स्थित होटल में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजना के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सीईओ व प्रभारी कलेक्टर सोमेश मिश्रा थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया ने बताया गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें पहली बार गर्भवती होने पर महिला को 5 हजार रुपए की सहायता मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से योजना लागू की गई है। इस योजना में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहली डिलीवरी पर 5 हजार रुपए की पोषण राशि दी जाएगी। इससे वे अपने और शिशु के स्वास्थ्य का भलीभांति पोषण कर सकेंगी। योजना की लाभ राशि तीन किस्तों में महिलाओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। केंद्र सरकार ने यह योजना वर्ष 2017 में जारी की थी। जिसे अब लागू किया गया है। इसके तहत लाभार्थियों की सूची भी बनाई जा रही है। अभी तक 6500 लाभार्थियों का चयन कर लिया गया है। जिन्हें जल्द ही योजना का लाभ दिया जाएगा।

पहली संतान के जन्म पर मिलेगी 5 हजार रुपए की आर्थिक मदद, अब तक 6 हजार 500 महिलाओं का किया चयन
एलएमपी की तारीख से 5 महीने पहले हो गर्भावस्था का पंजीयन
गर्भावस्था की तारीख एवं स्टेज की गणना उनके एलएमपी की तारीख के अनुसार मान्य होगी। गर्भावस्था का पंजीकरण एलएमपी की तारीख से 150 दिनों में होना चाहिए। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र या निकटतम स्वीकृत स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में पंजीकरण करवाया जा सकता है। पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं खुलवा रही हैं महिलाओं के बैंक खाते
जिला कार्यक्रम अधिकारी भदौरिया ने बताया योजना को 3 स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसे गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, राजस्व विभाग से पटवारी, सचिव जुटे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बैंक खाते नहीं होने या आधार कार्ड नहीं होने से परेशानी ा रही है। ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं उनके अकाउंट खुलवाकर योजना का लाभ दिलवा रही हंै। ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं के लिए आंगनवाड़ी व सुपरवाइजर को विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

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