अधूरी तैयारी में लगेंगे स्कूल: रतलाम में 50% उपस्थिति में लगेंगी छठी से आठवीं की कक्षाएं, कई स्कूलों के नही खुले ताले Digital Education Portal

डीआरपी लाइन स्थित माध्यमिक विद्यालय पर ताले
मध्यप्रदेश में कोरोना काल के बाद छठी से आठवीं तक की कक्षाएं 1 सितंबर से लगने जा रहे हैं। रतलाम जिले में भी शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार तैयारियां की जा रही है। लंबे अंतराल के बाद छठी से आठवीं की लगने जा रही कक्षाओं का रियलिटी चेक करने जब दैनिक भास्कर की टीम स्कूलों में पहुंची तो अधिकांश स्कूलों में छठी से आठवीं तक की कक्षाएं लगाए जाने की तैयारी अधूरी मिली है। रतलाम शहर के नवउन्नत माध्यमिक स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए कमरों की तैयारी अधूरी मिली है। स्कूल की कक्षाओं में फर्नीचर नहीं है। वहीं, एक कक्ष का ताला ही महीनों से नहीं खुला है। यही हालात शहर के डीआरपी लाइन स्थित माध्यमिक विद्यालय के भी नजर आए जहां कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं थे। वही विद्यालय के मुख्य द्वार पर ही स्कूल का कबाड़ और सामग्री पड़ी हुई है। जिला मुख्यालय से सुदूर आलोट स्थित नारायण बालक माध्यमिक विद्यालय में बच्चों के बैठने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है लेकिन यहां छात्रों के अभिभावकों को सूचना दिए जाने के बावजूद अब तक किसी भी अभिभावक की सहमति स्कूल प्रबंधन को प्राप्त नहीं हुई है ।

स्कूलों में फर्नीचर नहीं बचे हैं।
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहले कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षाएं शिक्षा विभाग ने शुरू की है। इसके बाद अब 1 सितंबर से कक्षा छठी से आठवीं तक की कक्षाओं को भी खोलने का निर्णय शासन ने लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार बच्चों की 50% उपस्थिति में इन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा इसके लिए छात्रों के अभिभावकों को सूचना जारी कर दी गई है। वही सभी स्कूलों में बच्चों के बैठने की व्यवस्था सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के निर्देश भी जारी किए गए है। लेकिन जब भास्कर की टीम रतलाम शहर में स्कूलों की तैयारियों का जायजा लेने पहुंची तो शिक्षा विभाग की तैयारियों की पोल खुलती हुई नजर आई है।
रतलाम शहर के जिला शिक्षा केंद्र परिसर में स्थित नवउन्नत माध्यमिक स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए कमरों की तैयारी अधूरी मिली है। स्कूल की कक्षाओं में फर्नीचर नहीं है। वहीं, एक कक्ष का ताला ही महीनों से नहीं खुला है और ना ही यहां सफाई हुई है । यही हालात शहर के डीआरपी लाइन स्थित माध्यमिक विद्यालय के भी नजर आए जहां कोई भी शिक्षक और जिम्मेदार मौजूद नहीं थे। वही, विद्यालय के मुख्य द्वार पर ही स्कूल का कबाड़ और सामग्री पड़ी हुई है।
बहरहाल रतलाम शहर के स्कूलों की यह हालत है तो जिला मुख्यालय से दूरस्थ शासकीय स्कूलों में तैयारियों के क्या हाल होंगे इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।
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