
मध्य प्रदेश में काफी समय बाद पूरी अवधि तक चली विधानसभा की कार्यवाही।
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। भले ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिन का रहा हो, पर नौ घंटे 52 मिनट चली कार्यवाही के दौरान सात विधेयक पारित हुए और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण पर स्थगन स्वीकार करके चर्चा भी कराई गई। विधानसभा ने सर्वसम्मति ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराए जाने संबंधी संकल्प भी पारित किया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने प्रश्नकाल में अधिक से अधिक सदस्यों को प्रश्न करने का मौका मिले, इसके लिए सिर्फ पूरक प्रश्न पूछने का नवाचार भी किया। विधानसभा के सत्र अभी तक तय अवधि से पहले ही समाप्त हो रहे थे, लेकिन इस बार 20 से 24 दिसंबर तक सदन की कार्यवाही हुई। इस दौरान सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष की ओर से अपनी बात रखी गई।
इसके लिए हरसंभव प्रयास करेगी। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने के लिए सदन की मंशा जताने वाला संकल्प भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का विधेयक पारित किया गया। द्वितीय अनुपूरक बजट के लिए विनियोग, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह के नाम पर करने, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण, काष्ट चिरान विनियमन, भू-राजस्व संहिता में संशोधन विधेयक पारित किए गए।
अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान अधिक से अधिक विधायकों को प्रश्न करने का मौका मिले, इसके लिए प्रश्नोत्तरी में दिए प्रश्न और उत्तर को पढ़ने की जगह सीधे पूरक प्रश्न पूछने और प्रश्नकर्ता के साथ बैठक करने की व्यवस्था लागू की। उन्होंने सदन की कार्यवाही पर संतोष जताते हुए कहा कि काफी समय बाद पूरी अवधि तक सत्र चला। विधायकों को इस मंच का अधिक से अधिक उपयोग अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए करना चाहिए।
पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सभापति बने जालम सिंह पटेल
पहली बार बनी पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति का सभापति जालम सिंह पटेल को नियुक्त किया है। वहीं, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कल्याण संबंधी समिति के निर्वाचन की घोषणा की गई। इसका सभापति प्रदीप लारिया को नियुक्त किया गया है। साथ ही अध्यक्ष ने डा.सीतासरन शर्मा द्वारा इटारसी के अनुविभागीय अधिकारी हरेन्द्र नारायण के विरुद्ध दी गई विशेषाधिकार भंग की सूचना को विशेषाधिकार समिति को जांच के लिए सौंपने का निर्णय लिया गया।
सरकार ने पेश नहीं किया अध्यादेश संबंधी पंचायत राज संशोधन विधेयक
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन विधेयक प्रस्तुत करना था। 21 दिसंबर को यह कार्यसूची में प्रस्तावित भी किया गया था, लेकिन प्रस्तुत नहीं किया गया। जबकि, सरकार ने इससे संबंधित अध्यादेश के माध्यम के माध्यम से वर्ष 2019 में हुए पंचायतों के परिसीमन को निरस्त करने के साथ पुराने आरक्षण से चुनाव कराने का प्रविधान किया था।
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