खेल सामग्री घोटाला: खेल सामग्री घोटाले में 98 जनशिक्षकों की रोकी एक साल की वेतन वृद्धि Digital Education Portal

कोरोना काल में जिले के प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में गुणवत्ताविहीन खेल सामग्री देकर लिए थे 5 व 10 हजार रुपए के चेक कोरोना काल में जिले में खेल सामग्री घोटाला हुआ था। घोटाला उजागर होने के बाद बीआरसी पर पहले कार्रवाई हुई थी। अब 98 जनशिक्षकों पर कार्रवाई हुई है। हालांकि एक जनशिक्षक की मौत हो चुकी है। इसके चलते 98 जनशिक्षकों की एक साल की वेतन वृद्धि रोकी गई है। गुणवत्ताविहीन खेल सामग्री की खरीदी करने, स्कूलों तक खेल सामग्री पहुंचाने व चेक हासिल करने पर सहायक आयुक्त ने कार्रवाई की है।
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जिले के प्रायमरी व मिडिल स्कूल में खेल सामग्री के लिए राशि जारी की गई थी। इस राशि से सामग्री की खरीदी भी हुई। इसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आई। कहीं पर तय राशि के अनुसार खेल सामग्री की खरीदी नहीं की गई। मामले की राज्य अधिकारी ने अपने स्तर पर जांच की। वहीं शिक्षा विभाग और राजस्व द्वारा भी जांच की गई। जांच के दौरान शिक्षकों पर दबाव भी बनाया गया था, ताकि वे कार्रवाई से बच सके। एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने मामले की जांच की। जांच के दौरान अधिकारियों को खेल किट में टूटी सामग्री मिली थी।
बिल पर तारीख नहीं थी। कुछ स्थानों पर बिल पर अंकित जीएसटी नंबर भी गलत निकला था। वहीं जनशिक्षकों पर स्कूलों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी होती है। लेकिन खेल सामग्री घोटाले में वे भी शामिल निकले। इसके चलते अब सहायक आयुक्त निलेश रघुवंशी ने 98 जनशिक्षकों की एक साल की वेतन वृद्धि रोकी है। इसमें राजपुर व ठीकरी 25 जनशिक्षक, सेंधवा के 16, बड़वानी व पाटी के 32 और पानसेमल व निवाली के 25 जनशिक्षक शामिल है।
इसलिए जनशिक्षकों को माना दोषी
जानकारी के अनुसार स्कूलों को वितरित की गई खेल सामग्री की जांच के बाद पता चला कि जनशिक्षकों ने ही स्कूलों तक सामग्री पहुंचाई थी। इसके एवज में प्रायमरी स्कूलों से 5 हजार और मिडिल स्कूलों से 10 हजार रुपए के चेक लेकर बीआरसी कार्यालय में जमा कराए थे। इस पूरे मामले में जनशिक्षकों की सहभागिता के कारण इन्हें दोषी मानकर कार्रवाई की गई है। हालांकि मामला उजागर होने के बाद में जनशिक्षकों ने एसडीएम कार्यालय में आवेदन देकर बताया था कि उन्हें इस काम को करने के लिए बीआरसी ने निर्देश दिए थे। अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए उन्होंने ये काम किया। वहीं संबंधित फर्म पर काेई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि एक ही फर्म ने जिले में खेल सामग्री सप्लाय की थी।
गड़बड़ी मिलने पर की कार्रवाई
स्कूलों में गुणवत्ताविहीन खेल सामग्री खरीदी की गई थी। इस मामले को लेकर पहले बीआरसी पर कार्रवाई हुई। अब 98 जनशिक्षकों पर कार्रवाई हुई है, जिन्हाेंने स्कूलों तक सामग्री पहुंचाई थी और राशि के चेक लिए थे। जबकि इन्हें मॉनिटरिंग करना थी। फिर भी इन्होंने सहभागिता निभाई। इसके चलते इन पर कार्रवाई की गई। 98 जनशिक्षकों पर कार्रवाई की है। 98 जनशिक्षकों की एक साल की वेतन वृद्धि रोकी है। एक जनशिक्षक की मौत हो चुकी है। -निलेश रघुवंशी, सहायक आयुक्त बड़वानी
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