Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के नई शिक्षा नीति 2020 ( New Education Policy 2020 ) से जुड़े प्रश्नों का जवाब देंगे
educationEducational News

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के नई शिक्षा नीति 2020 ( new education policy 2020 ) से जुड़े प्रश्नों का जवाब देंगे

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के नई शिक्षा नीति 2020 ( new education policy 2020 ) से जुड़े प्रश्नों का जवाब देंगे। सवाल-जवाब का यह कार्यक्रम किस दिन होगा, इसकी तिथि अभी तय नहीं की गई है। शिक्षा मंत्रालय ने पूरा एक दिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित सवाल-जवाब के लिए रखने का फैसला किया है। डॉ. निशंक ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों!
क्या आपके पास नई शिक्षा नीति से जुड़ा कोई प्रश्न है? अगर है तो आप वह प्रश्न हैश टैग #NEPTransformingIndia का इस्तेमाल कर मेरे साथ शेयर कर सकते हैं। मैं और मेरा मंत्रालय एनईपी को लेकर आपकी उलझनों को सुलझाने के लिए पूरा एक दिन समर्पित करेंगे।

आपके प्रश्नों का इंतजार है।’

अगर आप केंद्रीय शिक्षा मंत्री या शिक्षा मंत्रालय से नई शिक्षा नीति को लेकर कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हैश टैग #NEPTransformingIndia का इस्तेमाल कर कमेंट बॉक्स में अपना सवाल पूछ सकते हैं।

आपको बता दें कि पिछले माह केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी थी। करीब 34 साल बाद आई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। मंजूरी मिलने के बाद से अब तक लगातार देश भर के शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, राजनेताओं, छात्रों, अभिभावकों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

यहां जानें नई शिक्षा नीति की 20 खास बातें, कैसे बदल जाएगा स्कूल-कॉलेजों का एजुकेशन सिस्टम

स्कूलों में 10+2 खत्म, अब शुरू होगा 5+3+3+4 फॉर्मेंट


अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा एक और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। अगले तीन साल का स्टेज कक्षा 3 से 5 तक का होगा। इसके बाद 3 साल का मिडिल स्टेज आएगा यानी कक्षा 6 से 8 तक का स्टेज। अब छठी से बच्चे को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। चौथा स्टेज (कक्षा 9 से 12वीं तक का) 4 साल का होगा। इसमें छात्रों को विषय चुनने की आजादी रहेगी। साइंस या गणित के साथ फैशन डिजाइनिंग भी पढ़ने की आजादी होगी। पहले कक्षा एक से 10 तक सामान्य पढ़ाई होती थी। कक्षा 11 से विषय चुन सकते थे।

अभी तक सरकारी स्कूल पहली कक्षा से शुरू होते हैं। लेकिन नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद पहले बच्चे को पांच साल के फाउंडेशन स्टेज से गुजरना होगा। फाउंडेशन स्टेज के आखिरी दो साल पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के होंगे। पांच साल के फाउंडेशन स्टेज के बाद बच्चा तीसरी कक्षा में जाएगा। यानी सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा से पहले बच्चों के लिए 5 लेवल और बनेंगे।

5 + 3 + 3 + 4 के नए स्कूल एजुकेशन सिस्टम में पहले पांच साल 3 से 8 साल के बच्चों के लिए, उसके बाद के तीन साल 8 से 11 साल के बच्चों के लिए, उसके बाद के तीन साल 11 से 14 साल के बच्चों के लिए और स्कूल में सबसे आखिर के 4 साल 14 से 18 साल के बच्चों के लिए निर्धारित किए गए हैं।

Join whatsapp for latest update

छठी कक्षा से रोजगारपरक शिक्षा नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने के लिए बनाई गई समिति का नेतृत्व कर रहे डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा, अब छठी कक्षा से ही बच्चे को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति बेरोजगार तैयार नहीं करेगी। स्कूल में ही बच्चे को नौकरी के जरूरी प्रोफेशनल शिक्षा दी जाएगी।

10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आसान होगी

Join telegram

दसवीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बड़े बदलाव किए जाएंगे। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को कम किया जाएगा। कई अहम सुझाव हैं। जैसे साल में दो बार परीक्षाएं कराना, दो हिस्सों वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) और व्याख्त्मक श्रेणियों में इन्हें विभाजित करना आदि। बोर्ड परीक्षा में मुख्य जोर ज्ञान के परीक्षण पर होगा ताकि छात्रों में रटने की प्रवृत्ति खत्म हो। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र हमेशा दबाव में रहते हैं और ज्यादा अंक लाने के चक्कर में कोचिंग पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन भविष्य में उन्हें इससे मुक्ति मिल सकती है। शिक्षा नीति में कहा गया है कि विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओं के प्रैक्टिकल मॉडल को तैयार करेंगे। जैसे वार्षिक, सेमिस्टर और मोड्यूलर बोर्ड परीक्षाएं।
नई नीति के तहत कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में भी परीक्षाएं होगीं। जबकि 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बदले स्वरूप में जारी रहेंगी।

New Education Policy 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रम बंद

5वीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई

नई शिक्षा नीति में पांचवीं तक और जहां तक संभव हो सके आठवीं तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

स्कूलों में ऐसे होगा बच्चों की परफॉर्मेंस का आकलन

बच्चों की रिपोर्ट कार्ड में बदलाव होगा। उनका तीन स्तर पर आकलन किया जाएग। एक स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा उसका शिक्षक। नेशनल एसेसमेंट सेंटर-परख बनाया जाएगा जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा। सौ फीसदी नामांकन के जरिए पढ़ाई छोड़ चुके करीब दो करोड़ बच्चों को फिर दाखिला दिलाया जाएगा।

नई शिक्षा नीति बेरोजगार तैयार नहीं करेगी, स्कूल में ही बच्चे को नौकरी के जरूरी प्रोफेशनल शिक्षा दी जाएगी: कस्तूरीरंगन

ग्रेजुएशन में 3-4 साल की डिग्री, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम

उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया कि नई नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट (बहु स्तरीय प्रवेश एवं निकासी) व्यवस्था लागू किया गया है। आज की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरंग पढ़ने या छह सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी। यह छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला है।
3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है और शोध में नहीं जाना है। वहीं शोध में जाने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति के मुताबिक यदि कोई छात्र इंजीनियरिंग कोर्स को 2 वर्ष में ही छोड़ देता है तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। इससे इंजीनियरिंग छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। पांच साल का संयुक्त ग्रेजुएट-मास्टर कोर्स लाया जाएगा। एमफिल को खत्म किया जाएगा और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ने का विकल्प होगा। नेशनल मेंटरिंग प्लान के जरिये शिक्षकों का उन्नयन किया जाएगा।

बीएड 4 साल का होगा। 4 वर्षीय बीएड डिग्री 2030 से शिक्षक बनने की न्यूनतम योग्यता होगी। नीति के अनुसार, पेशेवर मानकों की समीक्षा एवं संशोधन 2030 में होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष में होगा। शिक्षकों को प्रभावकारी एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं के जरिए भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी। कई स्रोतों से समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा।

नई नीति में MPhil खत्म

देश की नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब छात्रों को एमफिल नहीं करना होगा। एमफिल का कोर्स नई शिक्षा नीति में निरस्त कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब छात्र ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और उसके बाद सीधे पीएचडी करेंगे। 4 साल का ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम फिर MA और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल कोर्सेज को खत्म किया गया है। इसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

नई शिक्षा नीति 2020: बोर्ड परीक्षाओं का तनाव खत्म होगा, 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने का ऐलान

खत्म होंगे UGC, NCTE और AICTE, बनेगी एक रेगुलेटरी बॉडी
यूजीसी एआईसीटीई का युग खत्म हो गया है। उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया कि उच्च शिक्षा में यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीटीई की जगह एक नियामक होगा। कॉलेजों को स्वायत्ता (ग्रेडेड ओटोनामी) देकर 15 साल में विश्वविद्यालयों से संबद्धता की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।

कॉलेजों को कॉमन एग्जाम का ऑफर
नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यह परीक्षा कराएगी।

स्कूल में प्री-प्राइमरी लेवल पर स्पेशल सिलेबस तैयार होगा
स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने बताया कि स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में दस-दस बड़े सुधारों पर मुहर लगाई गई है। नई नीति में तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसके तहत तीन से छह वर्ष तक की आयु के बच्चे आएंगे। 2025 तक कक्षा तीन तक के छात्रों को मूलभूत साक्षरता तथा अंकज्ञान सुनिश्चित किया जाएगा। मिडिल कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह बदल जाएगी। कक्षा छह से आठ के बीच विषयों की पढ़ाई होगी।

स्कूल, कॉलेजों की फीस पर नियंत्रण के लिए तंत्र बनेगा

खरे ने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन स्वत: घोषणा के आधार पर मंजूरी मिलेगी। मौजूदा इंस्पेक्टर राज खत्म होगा। अभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग नियम हैं। भविष्य में सभी नियम एक समान बनाए जाएंगे। फीस पर नियंत्रण का भी एक तंत्र तैयार किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति 2020: स्कूलों में 10+2 सिस्टम खत्म, लागू होगी 5+3+3+4 की नई व्यवस्था, समझें क्या है ये

Steam Education शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण शिक्षा गुणवत्ता और बेहतर होगी.स्टीम एजुकेशन’ होगी मददगार शिक्षण से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी जिज्ञासाओं का होगा समाधान बीआरसीसी/बीएसी/सीएसी को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण(Opens in a new browser tab)

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की तैयारी

सभी तरह के वैज्ञानिक एवं सामाजिक अनुसंधानों को नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाकर नियंत्रित किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों को बहु विषयक संस्थानों में बदला जाएगा। 2030 तक हर जिले में या उसके आसपास एक उच्च शिक्षण संस्थान होगा। शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। इनमें आनलाइन शिक्षा का क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट तैयार करना, वर्चुअल लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों को डिजिट संसाधनों से लैस कराने जैसी योजनाएं शामिल हैं।

स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षा भी नई शिक्षा नीति के दायरे में होगा।
कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन्हें सहायक पाठ्यक्रम नहीं कहा जाएगा।

ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर

नए सुधारों में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है। कंप्यूटर, लैपटॉप और फोन इत्यादि के जरिए विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके शिक्षण को रोचक बनाने की बात कही गई है।

हर जिले में कला, करियर और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में ‘बाल भवन’ स्थापित किया जाएगा

अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहते सभी के लिए नियम समान होगा।

नई शिक्षा नीति 2020 : स्कूलों में अब इस तरह देखी जाएगी बच्चे की परफॉर्मेंस, रिपोर्ट कार्ड में होंगे बदलाव

एमएचआरडी का नाम बदला
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

त्रि-भाषा फॉर्मूला

विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। त्रि-भाषा फॉर्मूला में भी यह विकल्प शामिल होगा। इसके मुताबिक, किसी भी विद्यार्थी पर कोई भी भाषा नहीं थोपी जाएगी। भारत की अन्य पारंपरिक भाषाएं और साहित्य भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे। विद्यार्थियों को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के तहत 6-8 ग्रेड के दौरान किसी समय ‘भारत की भाषाओं पर एक आनंददायक परियोजना/गतिविधि में भाग लेना होगा। कोरियाई, थाई, फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, पुर्तगाली, रूसी भाषाओं को माध्यमिक स्तर पर पेश किया जाएगा ।

विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति और स्कॉलरशिप पोर्टल का विस्तार

नई शिक्षा नीति में विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिलेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे भारत के स्टूडेंट्स विश्व के बेस्ट इंस्टीट्यूट व यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकेंगे। उन्हें विदेश नहीं जाना पड़ेगा।
एससी, एसटी, ओबीसी और एसईडीजीएस स्टूडेंट्स के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को बढ़ाया जाएगा। एनईपी 2020 के तहत स्कूल से दूर रह रहे लगभग 2 करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने किया माध्यमिक शिक्षा मंडल पोर्टल एवं ऐप का शुभारंभ, सरकारी स्कूलों में बढ़ सकता है नामांकन कोरोना के बाद स्कूल खुलने पर अभिभावकों का मन सरकारी स्कूलों की ओर, प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खुलेगा सभी जिलों में , IIT में बदले प्रवेश नियम, CBSE वैकल्पिक एवं कंपार्टमेंट परीक्षा सितंबर में, तकनीकी शिक्षा में प्रवेश 18 अगस्त से, प्रधानमंत्री मोदी ने की फैसलेस स्टेटमेंट, फेसलेस अपील, टैक्सपेयर्स चार्टर की शुरुआत शैक्षणिक खबरें समाचार एजुकेशनल न्यूज़ 14 अगस्त 2020(Opens in a new browser tab)

For Hindustan

Show More

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|