Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4
खुशखबरी : एमपी के करोड़ों ग्रामीणों को मिलेगा घर की जमीन का मालिकाना हक अब आसानी से ले सकेंगे लोन
Farmer's schemeGovt Scheme

खुशखबरी : एमपी के करोड़ों ग्रामीणों को मिलेगा घर की जमीन का मालिकाना हक अब आसानी से ले सकेंगे लोन

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्रामीणों के लिए एक अच्छी खबर है. अब उन्हें गांव में बने अपने घर का मालिकाना हक (Owners Rights) मिलेगा. यानि अब उनकी जमीन उनके नाम होगी. ऐसा करने से ग्रामीणों को आसानी से बैंक से लोन मिल जाएगा. अभी जमीन पर मालिकाना हक नहीं होने की वजह से उन्हें किसी तरीके का जमीन से जुड़ा फायदा नहीं मिलता था. राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत (Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने बताया कि स्वामित्व योजना का शुभारंभ प्रदेश में 2 अक्टूबर से शुरू होगी. इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी एरिया में निवासरत ऐसे लोग, जिनके पास कोई मालिकाना दस्तावेज नहीं है और न ही उनका राजस्व रिकॉर्ड में उल्लेख है।

मोदी सरकार किसानो पर मेहरबान पीएम किसान सम्मान निधि जानिए किसान परिवार कैसे ले सकेंगे योजना का लाभ किन किसानों को नहीं मिलेगी योजना का फायदा(Opens in a new browser tab)

ऐसे सभी को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा. इसको लेकर मंत्री ने मंत्रालय में राजस्व विभाग की समीक्षा की है.

गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि यह योजना प्रदेश के 3 जिलों सीहोर, हरदा और डिंडोरी के 11-11 ग्रामों में प्रारंभ की जायेगी. इस योजना से गांव की संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा. आबादी क्षेत्र में निवासरत ग्रामीणों को उसकी भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा, जिससे बैंक से ऋण, संपत्ति बंटवारा एवं विक्रय करना सरल होगा. प्रथम चरण में मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 10 हजार गांव का सर्वे का लक्ष्य रखा गया है.

15 करोड़ पुराने भू-अभिलेखों का होगा डिजिटाईजेशन

आंसू में क्या पाया जाता है ? कौन सा सांप सबसे तेज चलता है ? कौन से सम्राट ने आज तक एक भी युद्ध नहीं हारा ? शैक्षणिक प्रतियोगिता सामग्री प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी हुई कुछ खास जानकारियां #शिक्षा और रोजगार(Opens in a new browser tab)

 राजस्व मंत्री ने बताया कि आमजन को भू-अभिलखों की नकल सहज उपलब्ध कराने एवं भूमि के संपूर्ण रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अभिलेखों का डिजिटाईजेशन किया जा रहा है, जिससे खसरा, बी-1, अधिकार अभिलेख, मिसल-बंदोबस्त, निस्तार पत्रक, रि-नंबरिंग सूची और वाजिब उल अर्ज संबंधी अभिलेखों की नकल 24 घंटे ऑनलाइन पर उपलब्ध रहेंगी. इसमें लगभग 15 करोड़ पुराने अभिलेखों का डिजिटाईजेशन किया जाएगा. आगर- मालवा में डिजिटाईजेशन का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है.

कोर्स पद्वति से होगा सटीक सीमांकन

भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा National Teacher Award राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड 2020 के लिए चयनित कुल 47 शिक्षकों की सूची जारी(Opens in a new browser tab)

राजपूत ने बताया कि भूमि का सीमांकन किसानों की बड़ी समस्या रही है, जिसके कारण उनमें प्रायः विवाद की स्थिति बनती रहती है. भूमि को कोर्स पद्वति के द्वारा भूमि का सीमांकन सटीक एवं सरल हो जायेगा. इसमें लगभग 90 तहसीलों में नेटवर्क टॉवर लगाये जायेंगे. इस योजना के क्रियान्वयन से समय की बचत होगी, वहीं खराब मौसम एवं बोई हुई फसल के समय भी भूमि का सीमांकन किया जा सकेगा.

Join whatsapp for latest update

भूमि बंधक की प्रक्रिया होगी आसान

CRPF सीआरपीएफ भर्ती 2020 10वीं पास से लेकर ग्रेजुएट तक कर सकते हैं आवेदन जाने आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया(Opens in a new browser tab)

अभी तक किसानों को बैंक लोन के लिए कलेक्ट्रेट, पटवारी और बैंक आदि के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब शासन ने भूमि बंधक प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है. इससे अब नागरिकों को बैंक में जाकर सिर्फ आवेदन करना होता है, शेष प्रक्रिया बैंक द्वारा ही की जाती है. इसी प्रकार राजस्व संग्रहण की दृष्टि से लैंड रेवेन्यू एकाउंटिंग सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे राजस्व आसानी से तथा पारदर्शी तरीके से संग्रहित किये जाते हैं.

Join telegram

गवर्नमेन्ट प्रेस का होगा अत्याधिक आधुनिकीकरण

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के नई शिक्षा नीति 2020 ( new education policy 2020 ) से जुड़े प्रश्नों का जवाब देंगे(Opens in a new browser tab)

राजपूत ने गवर्नमेन्ट प्रेस की पुरानी प्रिन्टिंग मशीनों की नीलामी की जानकारी ली. उन्होंने प्रेस के आधुनिकीकरण के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया. राजस्व मंत्री राजपूत ने बताया कि अभी तक राजस्व न्यायालय में अलग-अलग शुल्क देना होता था, जिसके कारण कार्य में काफी समय लगता था. अब आवेदक मात्र 100 रुपये शुल्क देकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|