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शिक्षक आनलाइन कक्षा में बच्चों को आनलाइन गेम्स के नुकसान के बारे में बताएं Digital Education Portal

बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को एसओपी तैयार कर लिखा पत्र।

शिक्षक आनलाइन कक्षा में बच्चों को आनलाइन गेम्स के नुकसान के बारे में बताएं
भोपाल। अभी हाल में राजधानी में एक 11 वर्षीय बच्चे ने आनलाइन गेम के कारण खुदकुशी कर ली थी। हालांकि प्रदेश भर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो इशारा करती हैं कि आनलाइन कक्षा के लिए बच्चों को मोबाइल देना अभिभावकों के लिए दुखदाई साबित हो रहा है। इंटरनेट मीडिया के साथ ही आनलाइन गेम्स की प्रवृत्ति बच्चों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों के लिए एक एसओपी तैयार की है और स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा है। आयोग सदस्य ब्रजेश चौहान ने पत्र में लिखा है कि बच्चों में आनलाइन गेम की लत पर लगाम लगाने के लिए तकनीकी उपाय सरकार कर रही है, लेकिन स्कूलों को भी पहल करनी होगी। बाल आयोग ने स्कूलों को सुझाव दिए हैं कि शिक्षक बच्चों को आनलाइन कक्षा के दौरान आनलाइन गेम्स के बारे में जागरूक करें। आयोग का मानना है कि बच्चे माता-पिता से ज्यादा शिक्षकों की बात मानते हैं। अगर शिक्षक बच्चों को आनलाइन गेम की लत से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे तो वे जागरूक होंगे। उनका मानना है कि आनलाइन कक्षा की शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चों में बढ़ती इस प्रवृत्ति को रोकने में सफल हो सकेंगे। आयोग सदस्य ब्रजेश चौहान इस संबंध में पत्र लिखकर सोमवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी करेंगे, जिससे निजी और सरकारी स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी हो सके।

आयोग द्वारा सुझाए एसओपी के मुख्य बिंदु

– जब शिक्षक आनलाइन कक्षा की शुरुआत करेंगे, तब अभिभावकों को कक्षा शुरू होने और उसकी अवधि की जानकारी देंगे।

– कक्षा का समापन करेंगे तब एक बार फिर अभिभावकों को बुलाकर कक्षा पूरी हो जाने की सूचना देंगे। यह भी बताएंगे कि उन्होंने मोबाइल का कार्य दिया है या नहीं। गृह कार्य ना देने पर भी यदि बच्चा मोबाइल में व्यस्त रहता है तो अभिभावक इस ओर ध्यान दें।

– गृह कार्य ना मिलने पर माता-पिता कक्षा खत्म होने के बाद मोबाइल लेकर अपने पास रख लें।

– शिक्षक सप्ताह में एक बार अभिभावकों से संवाद करें।

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– माता-पिता बच्चों की गतिविधि पर ध्यान दें। कुछ समय उसकी गतिविधियों पर नजर रखें।

– यदि बच्चों के व्यवहार और गतिविधियों में कोई बदलाव दिखाई देता है। तब तत्काल उसकी गतिविधियों को ध्यान में रखकर उसे अपनत्व दें, प्यार देकर समझाइश दें।

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