स्मार्टफोन में किसी भी मोबाइल एप को इंस्टॉल करने से पहले आपको विशेष सावधानी बरतनें की जरूरत होती है। गूगल प्ले स्टोर या फिर आईओएस से एप डाउनलोड करना उतना ज्यादा रिस्की नहीं होता जितना थर्ड पार्टी के जरिए। गूगल प्ले स्टोर या फिर आईओएस प्लेटफॉर्म पर भी संदिग्ध और फर्जी एप्स होती हैं जिन्हें समय-समय पर रिमूव कर दिया जाता है।
थर्ट पार्टी प्लेटफॉर्म के जरिए एप डाउनलोड करने से पहले मोबाइल यूजर्स को एप स्कैनिंग पर ध्यान देना चाहिए। आजकल कई थर्ड पाटी एप्स भी मौजूद हैं जो यूजर्स का डेटा चुराकर उन्हें लीक करने का काम करते हैं। ऐसे एप से यूजर्स की अहम जानकारियां साइबर अपराधियों तक पहुंच सकती है।
थर्ड पार्टी ऐसे एप्स होते हैं जो कि गूगल प्ले स्टोर या फिर आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं होते। बहुत से एप्स ऐसे भी हैं जिन्हें इन दोनों ही जगह से इंस्टॉल नहीं किया जा सकता। ऐसे एप्स आमतौर पर ज्यादा रिस्की साबित होत हैं। आप इन्हें गूगल क्रोम या किसी अन्य ब्राउजर पर सर्च करके इंस्टॉल कर सकते हैं।
अक्सर देखा गया है कि ब्राउजर पर एप्स को इंस्टॉल करने के बाद यूजर्स बिना सोचे समझे एप में मांगी जाने वाली परमिशन के लिए ‘Allow’ बटन पर क्लिक करते चले जाते हैं। ऐसा कर वे खुद को ठगी का शिकार बनवा रहे होते हैं। किसी भी एप को इंस्टॉल कर लेने के बाद इसके सेटअप के दौरान आने वाले पॉपअप मैसेज को पढ़ना जरूरी होता है।
सही जानकारी होने पर ही ‘Allow’ पर क्लिक करें। ऐसा न करने पर आप साइबर ठगों के रडार पर आ जाएंगे और आपकी निजी जानकारियां और बैंक खाते की डिटेल्स उन तक पहुंच जाएगी। इस तरह वे हैकिंग के जरिए आपके खाते में सेंध लगा सकते हैं।
थर्ड पार्टी ऐसे एप्स होते हैं जो कि गूगल प्ले स्टोर या फिर आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं होते। बहुत से एप्स ऐसे भी हैं जिन्हें इन दोनों ही जगह से इंस्टॉल नहीं किया जा सकता। ऐसे एप्स आमतौर पर ज्यादा रिस्की साबित होत हैं। आप इन्हें गूगल क्रोम या किसी अन्य ब्राउजर पर सर्च करके इंस्टॉल कर सकते हैं।
अक्सर देखा गया है कि ब्राउजर पर एप्स को इंस्टॉल करने के बाद यूजर्स बिना सोचे समझे एप में मांगी जाने वाली परमिशन के लिए ‘Allow’ बटन पर क्लिक करते चले जाते हैं। ऐसा कर वे खुद को ठगी का शिकार बनवा रहे होते हैं। किसी भी एप को इंस्टॉल कर लेने के बाद इसके सेटअप के दौरान आने वाले पॉपअप मैसेज को पढ़ना जरूरी होता है।
सही जानकारी होने पर ही ‘Allow’ पर क्लिक करें। ऐसा न करने पर आप साइबर ठगों के रडार पर आ जाएंगे और आपकी निजी जानकारियां और बैंक खाते की डिटेल्स उन तक पहुंच जाएगी। इस तरह वे हैकिंग के जरिए आपके खाते में सेंध लगा सकते हैं।