कमल नाथ सरकार ने दो से बढ़ाकर तीन साल की थी परिवीक्षा अवधि। सामान्य प्रशासन विभाग ने पुरानी व्यवस्था लागू करने के लिए विचार-विमर्श किया प्रारंभ।
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष की जा सकती है। कमल नाथ सरकार ने दिसंबर 2019 में परिवीक्षा अवधि एक वर्ष बढ़ा दी थी। इसमें वेतनमान भी प्रथम वर्ष में 70, द्वितीय वर्ष में 80 और तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत देने का प्रविधान किया था। इसमें संशोधन के लिए मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने कर्मचारी संगठनों से प्राप्त मांग पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्त) नियम 1961 में संशोधन करने के लिए विचार-विमर्श प्रारंभ कर दिया है।
प्रदेश में दिसंबर 2019 के पहले सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए परिवीक्षा अवधि दो वर्ष निर्धारित थी। इसमें कर्मचारी को पूरा वेतन मिलता था लेकिन कमल नाथ सरकार ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्त) नियम 1961 में संशोधन करके परिवीक्षा अवधि तीन साल कर दी थी।
वित्त विभाग ने भी मध्य प्रदेश मूलभूत नियम में संशोधन किया था। इसके बाद नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए परिवीक्षा अवधि के प्रथम वर्ष में वेतन का 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 80 और तृतीय वर्ष में 90 प्रतिश्ात वेतन देने का प्रविधान लागू कर दिया। कर्मचारी संगठनों ने पुरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग की थी क्योंकि यह व्यवस्था केवल तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए लागू की गई थी।
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दिसंबर 2019 के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि विभाग के स्तर पर नियम में संशोधन के लिए परीक्षण किया जा रहा है। वित्त विभाग से अभिमत लेकर इस संबंध में अंतिम निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया जाएगा।
विभागीय परीक्षाओं की वर्तमान व्यवस्था में हो सकता है परिवर्तन
उधर, सरकार ने परिवीक्षा अवधि में विभागीय परीक्षाओं की वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन के लिए प्रशासन अकादमी के महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सहायक कलेक्टर, राज्य प्रशासनिक सेवा के डिप्टी कलेक्टर को दो वर्ष में विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी होती हैं।
यह व्यवस्था कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के लिए भी लागू है। यदि अधिकारी विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तो स्थायीकरण नहीं किया जाता है और वेतनवृद्धि का लाभ भी नहीं मिलता है। समिति विभागीय परीक्षा व्यवस्था को लेकर सभी पक्षों से विचार-विमर्श करके प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपेगी।
# probation period
# class III and IV employees
# madhya pradesh news
# madhya pradesh government
# Kamal Nath Government
# General Administration Department
अगर आप को डिजिटल एजुकेशन पोर्टल द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अधिक से अधिक शिक्षकों के साथ शेयर करने का कष्ट करें|
Follow Us On Google News – Digital Education PortalMp में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि दो साल की जा सकती है Digital Education Portal 9
हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा
Mp Board Samagra App 2023 : विद्यार्थियों के समग्र में संशोधन के लिए जारी हुआ मोबाइल एप्लीकेशन, डायरेक्ट लिंक👇
5 days ago
💥 अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी💥 अतिथि शिक्षक वेतन वृद्धि आदेश हुए जारी, अब मिलेंगे 18000 रुपए प्रतिमा
2 weeks ago
💁♂️ Mp Board Exam New Pattern 2023-24 Hindi , Mp Board new updated Blueprint 2023 : एमपी बोर्ड परीक्षा पैटर्न 2023 हुआ चेंज, 9वीं-12वीं का यहां से डाउनलोड करें 👇
2 weeks ago
मुख्यमंत्री की स्कूली विद्यार्थियों के लिए बड़ी घोषणा 💁 अब बोर्ड परीक्षा में 60% अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी मिलेगा लैपटॉप, स्कूल में टॉपर आने वाले तीन विद्यार्थियों को मिलेगी स्कूटी, मेडिकल सीटों पर 5% आरक्षण
2 weeks ago
💁♂️ MP Board 10th Science Trimasik Soved Paper 2023 PDF एमपी बोर्ड 10वीं विज्ञान त्रैमासिक पेपर 2023 हल सहित पीडीएफ डाउनलोड 👇