व्यापमं का नाम बदलने के पीछे की कहानी: PEB के नाम से जानने लगे थे लोग, तो फिर क्यों करना पड़ा नाम में बदलाव Digital Education Portal
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मध्यप्रदेश सरकार ने एकबार फिर व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम बदल दिया है। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका नाम कर्मचारी चयन बोर्ड करने पर मुहर लगा दी गई। इसका नाम बदलने की बड़ी वजह व्यापमं घोटाला है। जिसके सामने आने के बाद 9 साल बाद भी शिवराज सरकार इससे पीछा नहीं छुड़ा सकी है। इसी वजह से सरकार ने कुछ साल पहले अंग्रेजी शब्दावली का उपयोग कर इसका नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) किया था, लेकिन इससे भी फायदा नहीं हुआ तो एक बार फिर इसका नाम बदल दिया गया।
व्यापमं का नाम तो बदला ही, साथ ही इसका नोडल डिपार्टमेंट भी बदल दिया गया। कर्मचारी चयन बोर्ड के संचालन की जिम्मेदारी अब सामान्य प्रशासन विभाग को साैंपी गई है। यह विभाग सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास ही है। वहीं राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार है।
बदलाव के पीछे एक बड़ा कारण यह भी
पिछले वर्षों में राज्य शासन ने व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद इसका नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके सिस्टम में सुधार होने लगा तो नाम बदलने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। लेकिन पिछले साल PEB घोटाला भी सामने आ गया। नाम बदलने से इसकी छवि में सुधार हो रहा था वह फिर से घूमिल हो गई। PEB का नया सिस्टम भी गड़बड़ी रोकने में नाकाम साबित हुआ। इसके ऑनलाइन सिस्टम में भी पिछले साल सेंध लग गई। कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की परीक्षा में भी बड़ी गड़बड़ी सामने आई। फरवरी-2021 में हुई परीक्षा में मैरिट में आने वाले उम्मीदवार एक ही सेंटर के निकले। परीक्षा रद्द करनी पड़ी। जांच भी कराई गई तो परीक्षा कराने वाली एजेंसी का हाथ सामने आया। ऐसे में बीजेपी सरकार अगले चुनाव में इसके कारण कोई मुसीबत नहीं लेना चाहती।
बढ़ा दायरा तो उद्देश्य भी बदला –
व्यापमं अपनी शुरुआत में सिर्फ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए जैसे प्री- इंजीनियरिंग टेस्ट PET, प्री-मेडिकल टेस्ट PMT जैसी प्रवेश परीक्षा ही कराता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया। व्यापमं को प्रवेश परीक्षाओं के अलावा राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के चयन की जिम्मेदारी भी दी जाने लगी। यह प्रवेश परीक्षा के साथ भर्ती परीक्षाएं भी कराने लगा। अब व्यापमं का स्वरूप बदल गया। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित परीक्षा JEE, NEET की मैरिट का उपयोग किया जाने लगा। अब तीन से चार ऐसी प्रवेश परीक्षाएं कराता है। जिनमें उम्मीदवारों की संख्या भी बहुत रहती है। वहीं प्रवेश परीक्षा से ज्यादा भर्ती परीक्षाएं कराता है।
अब PSC की तर्ज पर होगा स्ट्रक्चर –
राज्य सरकार इसके पूरे स्ट्रक्टर में बदलाव भी करने जा रही है। इसे भविष्य में मिनी PSC के रूप में भी जाना जा सकेगा। इसका स्ट्रक्चर PSC की तर्ज पर बनाया जा सकता है। PSC का भी नोडल डिपार्टमेंट GAD है। GAD के पास संचालन पहुंचने के कारण परीक्षा नियंत्रक के पद पर नियुक्ति के नियमों में भी बदलाव किए जा सकते हैं। इसके कारण तकनीकी विभाग के प्रोफेसर्स की मोनोपॉली भी खत्म होगी। अभी तक PEB में परीक्षा नियंत्रक तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रोफेसर्स को ही बनाया जाता है। इसमें परीक्षा नियंत्रक तकनीकी शिक्षा विभाग से ही आते हैं। व्यापमं घोटाले के आरोपी पंकज त्रिवेदी को छाेड़कर अधिकतर परीक्षा नियंत्रक तकनीकी शिक्षा विभाग के ही बने हैं।
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