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देश में पहली बार मप्र में मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में भी होगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 8 फरवरी को इस आशय के आदेश जारी कर दिए। शुरुआत में एमबीबीएस पहले वर्ष के तीन विषय (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री) में यह प्रयोग किया जा रहा है। सभी मेडिकल कॉलेजों में व्याख्यान के दौरान टीचर्स को हिंदी का उपयोग जरूरी होगा।
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) हिंदी में पाठ्यपुस्तकों की अनुमति नहीं देता है, इसलिए राज्य सरकार किताबों में छेड़छाड़ की बजाय पूरक किताबें तैयार करेगी, जो हिंदी और इंग्लिश दोनों में होंगी। इसमें अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
गांधी मेडिकल कॉलेज से होगी शुरुआत
इस बारे में मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा की, राज्य के मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अंडर आने वाले मेडिकल कॉलेजेस में ट्रीटमेंट कोर्सेस को हिन्दी में पढ़ाये जाने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में प्रक्रिया पूरी कर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से इसकी शुरुआत करने के निर्देश दिये गये हैं।
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए उठाया ये कदम
हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाया गया है। मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सारंग ने इस बारे में विशेषज्ञों से बात की कि कैसे मेडिकल के क्षेत्र में हिंदी भाषा को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने अटल बिहारी हिंदी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से और एम्स भोपाल के डॉक्टरों से विचार-विमर्श किया। ये चर्चा मेडिकल एजुकेशन कमिशनर के सामने हुई।
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Team Digital Education Portal
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