मारपीट के केस में वारंट जारी हुआ तो 1400 किमी साइकिल चलाकर पहुंचा उज्जैन छह साल पहले मारपीट के एक मामले में एक युवक को कोर्ट ने वारंट जारी किया तो वह 1400 किमी साइकिल चलाकर थाने पहुंच गया। वह बिहार के सीतामढ़ी से निकला था और 10 दिन में उज्जैन पहुंचा। युवक ने बताया कि रुपये खत्म होने पर उसने रास्ते में रुककर तीन दिन मजदूरी भी की। गुरुवार दोपहर थाने पर पहुंचने पर पुलिस अधिकारियों ने युवक का हार पहनाकर स्वागत किया। हालांकि कोर्ट में पेश करने के बाद युवक को जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
नागझिरी थाना प्रभारी संजय वर्मा ने बताया कि मुकेश पुत्र रामचंद्र लोहार 45 वर्ष निवासी सीतामढ़ी, बिहार वर्ष 2014 में उज्जैन के नागझिरी क्षेत्र में ही रहता था। उस दौरान उसकी एक रिश्तेदार के साथ मारपीट हो गई थी। मामले में रिश्तेदार ने उस पर केस दर्ज कराया था। उसके बाद मुकेश ने बिहार के सीतामढ़ी निवासी एक युवती से शादी कर ली। शादी के बाद वह सीतामढ़ी ही शिफ्ट हो गया था। इस दौरान कोर्ट से मुकेश के खिलाफ वारंट जारी हो गया था। नागझिरी पुलिस ने उसकी तलाश की तो पता लगा कि वह बिहार में रह रहा है।
पुलिस ने दी थी समझाइश
पुलिस ने मुकेश का मोबाइल नंबर पता कर उसे समझाइश दी थी। कहा था कि छोटा केस है, भागने से क्या होगा। अगर वह आकर पेश हो जाता है तो मामला जल्द सुलझ जाएगा। इस पर मुकेश मान गया और 29 सितंबर को घर से साइकिल लेकर उज्जैन के लिए निकल गया। 8 सितंबर की दोपहर वह उज्जैन के नागझिरी थाने पहुंचा। थाने पहुंचने पर स्वागत को लेकर थाना प्रभारी ने कहा कि युवक 1400 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर उज्जैन आया है। इस कारण उसका स्वागत तो किया जाना चाहिए।
ट्रेन-बस नहीं मिली
मुकेश ने पुलिस को बताया कि सीतामढ़ी से उज्जैन के लिए कोई सीधी ट्रेन या बस नहीं थी। इसलिए उसने साइकिल से आना ही तय किया। रास्ते में उसके पास रुपये भी खत्म हो गए थे। इस कारण तीन दिन मजदूरी कर रुपये जुटाए। इसके बाद उज्जैन आया। थाने में पेश होने के बाद पुलिस उसे कोर्ट लेकर पहुंची, जहां से उसे जेल भेजा गया। थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को मुकेश की जमानत पर सुनवाई होगी।