यूनाइटेड किंगडम ने 17 अगस्त, 2021 को यह कहा कि, इसका लक्ष्य वर्ष, 2021 के अंत तक भारत के साथ व्यापार वार्ता शुरू करना है.
ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग के एक प्रवक्ता ने यह बताया है कि, इस साल के अंत तक वार्ता शुरू करने के उद्देश्य से ब्रिटेन इन दिनों एक FTA (मुक्त-व्यापार समझौता – फ्री ट्रेड अग्रीमेंट) के पूर्व-बातचीत के दौर में है.
भारत के साथ व्यापार समझौते को ब्रेक्सिट के बाद, ब्रिटेन के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में देखा जा सकता है. इससे पहले, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री, बोरिस जॉनसन ने अनिच्छा से अप्रैल, 2021 में भारत की अपनी यात्रा को बंद कर दिया था, क्योंकि भारत में COVID-19 मामले चरम पर थे.
ब्रिटेन के लिए भारत के साथ यह व्यापार समझौता क्यों इतना महत्वपूर्ण होगा?
ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, भारत के साथ वर्ष, 2019 में 23 बिलियन पाउंड मूल्य के द्विपक्षीय व्यापार के साथ, एक व्यापार समझौता कम टैरिफ के साथ-साथ बढ़े हुए अवसरों के माध्यम से ब्रिटिश निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
वर्ष, 2020 के अंत में यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद से, ब्रिटेन व्यापार समझौतों को सुरक्षित करने के लिए उत्सुक रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रों के साथ विशेष रूप से अपने संबंधों को बढ़ावा दे रहा है, जो कुछ सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं का घर/ स्थल है.
भारत के साथ ब्रिटेन का ‘अंतरिम’ व्यापार समझौता
यूनाइटेड किंगडम की सरकार भी भारत के साथ एक त्वरित ‘अंतरिम’ व्यापार समझौता करने पर विचार कर रही है, जो एक पूर्ण समझौते से पहले स्कॉच, व्हिस्की जैसे उत्पादों पर टैरिफ में कमी कर सकता है.
ब्रिटेन की सरकार एक अंतरिम समझौता करने की कोशिश करेगी जो विश्व व्यापार संगठन चार्टर की शर्तों के तहत भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति देगा.
चावल जैसे उत्पादों के लिए भारत के उत्पादकों को, इन दोनों देशों के बीच अंतरिम समझौते के तहत, ब्रिटेन के बाजार में अधिक पहुंच प्राप्त होगी.
पृष्ठभूमि
मई, 2021 में, ब्रिटिश सरकार ने यह सूचित किया था कि, वह भारत के साथ भविष्य के व्यापार समझौते पर 14 सप्ताह का परामर्श शुरू करेगी. ब्रिटेन सरकार इस समझौते पर जनता और व्यवसायियों के विचार जानने की योजना बना रही थी.