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प्रधानमंत्री आवास योजना 2020 (PMAY) Pradhan Mantri Awas Yojana In Hindi (ऑनलाइन आवेदन, शहरी , पात्रता, फॉर्म डाउनलोड, लिस्ट, ग्रामीण सूची कैसे देखें, राशी, चेक स्टेटस) 

प्रधानमंत्री आवास योजना या हाउसिंग फॉर आल योजना सेंट्रल गवर्नमेंट  द्वारा चलाई जाने वाली योजना है इस योजना का उद्देश्य भारत में गरीबों व्यक्ति को अपना स्वयं का पक्का घर उपलब्ध कराना है. यह हमारी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है, जिसे साल 2015 में लांच किया गया था और इसका आगामी उद्देश्य साल 2022 तक भारत में विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रोँ में लगभग 2 करोड़ से अधिक पक्के घर उपलब्ध करवाना है. इस योजना का पहला भाग पिछले वर्ष 2017 में खतम हो चूका है और इसका दूसरा भाग भी शुरू हो चूका है. प्रशासन द्वारा इस योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिनके नाम क्रमशः प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और प्रधान मंत्री आवास योजना शहरी है.

प्रधानमंत्री आवास योजना 2020 (pmay) pradhan mantri awas yojana in hindi (ऑनलाइन आवेदन, शहरी , पात्रता, फॉर्म डाउनलोड, लिस्ट, ग्रामीण सूची कैसे देखें, राशी, चेक स्टेटस) 
प्रधानमंत्री आवास योजना 2020 (Pmay) Pradhan Mantri Awas Yojana In Hindi (ऑनलाइन आवेदन, शहरी , पात्रता, फॉर्म डाउनलोड, लिस्ट, ग्रामीण सूची कैसे देखें, राशी, चेक स्टेटस)  11

प्रधानमंत्री आवास योजना लांच डिटेल (Launch Detail) :

PM Awas Yojana प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त करें ? क्या आप भी पीएम आवास योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो पढ़िए पूरी पोस्ट कैसे और कहां करना होगा आप लाए?(Opens in a new browser tab)

नाम पीएम आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना भाग ग्रामीण एवं शहरी लांच तिथी 2015 किसने लांच कीपीएम नरेन्द्र मोदी जीपूर्व संचालित योजनाइंदिरा आवास योजनायोजना का स्तरकेंद्र 90 फीसदी एवं राज्य 10 फीसदी

इस योजना को भारतीय क्षेत्रीय संरचना के आधार पर 2 भागों में स्टार्ट किया गया, ये दो भाग प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और प्रधानमंत्री योजना शहरी है. इन दोनों भागों कि विस्तृत जानकारी निचे बताई जा रही है.

PM आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin) :

मुख्य बिंदु (Key Features) :

उद्देश्य : प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण वास्तव में इंदिरा आवास योजना का संशोधित रूप है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लांच किया गया था. इस योजना का उद्देश्य भारत में ग्रामीण इलाकों में कच्चे और असुविधा युक्त घरो में रह रहें लोगों को तीन सालो 2016-2017 से 2018-2019 तक आधारभूत सुविधाओं से युक्त लगभग 1 करोड़ पक्के घर उपलब्ध कराना है.

घरों का आकार : वर्तमान में इस योजना के तहत बनाए जाने वाले घरों का आकार 25 स्क्वेयर मीटर है, जिसे की पूर्व में निर्धारित घरों के आकार 20 स्क्वेयर मीटर से बढाकर निर्धारित किया गया है.

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दी जाने वाली राशि : इस योजना के तहत पहले मैदानी क्षेत्रोँ में 70,000 की राशि तय की गई थी जिसे वर्तमान में बढ़ाकर 1 लाख 20 हजार कर दिया गया है. वही इस योजना के तहत पहाड़ी इलाकों, मुश्किल क्षेत्रों में और आईएपी जिलों में पहले यह राशि 75,000 थी जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में लगने वाला खर्चा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा मिलकर किया जायेगा . मैदानी क्षेत्रोँ में इस शेयर की जाने वाली राशि का अनुपात 60:40 होगा वहीं उत्तर-पूर्व और हिमालय वाले तीन राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह अनुपात 90:10 होगा.

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प्रधानमंत्री आवास योजना लोअर मिडिल और मिडिल क्लास के लोगों के घर के सपने को पूरा करने के लिए शुरू की गई स्कीम पीएम आवास योजना का लोग जमकर फायदा ले रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति पहली बार अपना घर लेता है तो इस स्कीम के तहत लोन के ब्याज पर राहत मिलती है। लेकिन इससे जुड़े कई नियम भी हैं, जिनका पालन न करने पर आप पूरी छूट गंवा सकते हैं। जैसे यदि आप लोन बैलेंस किसी और बैंक में ट्रांसफर कराते हैं तो फिर लोन पर मिली छूट खत्म हो जाएगी।
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत टॉयलेट के लिए 12000 रुपय की राशि का भुकतान स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और उस एरिया में चलने वाले अन्य किसी सोर्स की तरफ से किया जायेगा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान और उनका सिलेक्शन उनके पास घर की कमी, एसईसीसी-2011 डाटा के अनुसार सोशल स्तर और ग्राम सभा के द्वारा वेरीफाई करने पर किया जायेगा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यदि लाभार्थी चाहे तो 70 हजार रुपय का लोन भी ले सकता है जो की उसे विभिन्न फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट से अप्लाई करके लेना होगा.

लाभार्थी को संपूर्ण सुविधा जैसे टॉयलेट, पीने का पानी, बिजली, सफाई खाना बनाने के लिए धुआ रहित ईंधन, सोशल और तरल अपशिष्टो से निपटने के लिए इस योजना को अन्य योजनाओं से जोड़ा भी गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी जाने वाली संपूर्ण राशि का भुकतान लाभार्थी के बैंक एकाउंट में किया जायेगा. इसके लिए आवश्यक है की लाभार्थी का यह एकाउंट आधार कार्ड से लिंक हो.

इस योजना के तहत लाभार्थी का चयन (Identification and Selection of Beneficiaries, Eligibility Criteria) :

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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी के चुनाव में सत्यता और पारदर्शिता सरकार का मुख्य उद्देश्य है. इसके अंतर्गत इस बात का ध्यान रखा जायेगा की इस योजना के तहत लाभ केवल उन लोगों को मिले जिसे इसकी सच में जरुरत है. इस योजना में लाभार्थियों का चयन करने के लिए एसईसीसी SECC (सोशिओ इकोनोमिक कास्ट सेन्सस) का उपयोग किया जायेगा जिसका सत्यापन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयन निम्न बिन्दुओं के आधार पर किया जायेगा :

पात्र लाभार्थी : इस योजना के तहत संपूर्ण भारत में कोई भी व्यक्ति जिसके पास स्वयं का घर नहीं है या जो कि 1, 2 या अधिक कमरों के कच्चे घर में रहता हो या जिसके घर में छत नहीं हो वह इस योजना के तहत लाभ ले सकता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक नहीं है की लाभार्थी बीपीएल कार्ड होल्डर हो.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निम्न व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी:

इस योजना के तहत प्रथम प्राथमिकता केटेगरी के अनुसार दी जाएगी, मतलब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, माइनॉरिटीज और अन्य वर्ग के लोग इस योजना के तहत लाभ के प्रथम दावेदार होंगे.

इन चयनित प्राथमिक लोगों में से भी उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो कि एसईसीसी में डिफाइन कंपल्सरी इनक्लूसन के क्राइटेरिया को पूर्ण करते है. इस लिस्ट में दर्शाए सोसिओ इकनोमिक पैरामीटर SECC जिसके द्वारा प्राथमिकता (First Priority in PMAY) दी जाएगी निम्न है.

वह परिवार जिसमे कोई भी सदस्य एडल्ट मतलब 16 से 59 आयु वर्ष में मध्य ना हो वह इस योजना का प्रथम पात्र होगा.

वह परिवार जिसका मुखिया एक महिला हो और उसमे कोई भी एडल्ट मतलब 16 से 59 आयु वर्ष का सदस्य ना हो वह परिवार इस योजना के लिए प्रथम प्राथमिकता होंगे.

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वह परिवार जिसका 25 वर्ष अधिक का कोई भी सदस्य पढ़ा लिखा ना हो वह परिवार इस योजना के लिए प्राथमिकता होंगे.

वह परिवार जिसका कोई सदस्य दिव्यांग हो और जिसमे कोई एडल्ट ना हो वह इस योजना के लिए प्राथमिकता होंगे.

वह परिवार जिनके पास स्वयं की कोई जमीन उपलब्ध ना हो और जिनकी इनकम का अधिकतम भाग मजदूरी से आता हो वह इसके लिए प्राथमिकता होंगे.

घर का कंस्ट्रक्शन (Construction of House) :

कंस्ट्रक्शन के लिए प्राप्त राशि : प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा जो भी व्यक्ति लाभ लेना चाहते है उन्हें अपने घर के कंस्ट्रक्शन के लिए सरकार की तरफ से पैसे दिए जायेंगे. यह सहायता मैदानी इलाकों में 1 लाख 20 हजार की होगी वहीं डिफिकल्ट एरिया, आईएपी यूनिट्स और हिमालय के राज्यों में यह सहायता राशि बडाकर 1 लाख 30 हजार की गई है. इसका मुख्य उद्देश्य इन सभी एरिया में पक्का घर उपलब्ध करवाना है.

पक्के घर से तात्पर्य : यहाँ पक्के घर से सरकार का तात्पर्य ऐसे मकानों से है जो आने वाले 30 सालों तक घर में रहने वालों की रक्षा विभिन्न मौसम और परिस्थियों से निपटने में कर पाये. इसके अलावा इस घर में आधारभूत सुविधाए जैसे बिजली, पानी और वाश एरिया आदि होना भी आवश्यक है.

घर की बनवाई : इस योजना के तहत घर की बनवाई के लिए 90 से 95 दिन के लिए अनस्किल्ड लेबर मनरेगा की तरफ से दिये जाते है. अगर घर का मालिक चाहे और तो वह खुद भी अपने घर को बना सकता है और वह खुद अपने आप को मनरेगा के अंतर्गत 90 दिनों का वेतन पाने के लिए इनरोल करवा सकता है. अगर मालिक स्वयं इसे बनाने में सक्षम नहीं है तो उसे मनरेगा की तरफ से अनस्किल्ड मजदूर प्रदान किये जायेंगे. और यह बनवाई घर के लिए दिये जाने वाले 1 लाख 20 हजार में शामिल नहीं होगी.

घर की बनवाई किसी कांट्रेक्टर के द्वारा नहीं की जाएगी : इस योजना के तहत यह नियम तय है की इसमे लाभार्थी को अपना घर स्वयं बनाना होगा . अगर इसमे किसी कांट्रेक्टर या एजेंट द्वारा कंस्ट्रक्शन पाया जाता है तो सरकार के पास इसे बिच में निरस्त करने का पुरा अधिकार होता है. यह घर किसी सरकारी विभाग या एजेंसी के द्वारा भी नहीं बनाया जा सकता इसमे केवल वही लोग भाग ले सकते है, जो की इस योजना के लिए ऑथोराइसड हो.

स्वच्छ भारत अभियान : ग्रामीण क्षेत्रोँ में इन पक्के घरो में टॉयलेट को बनवाना जरुरी है, और अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए गाँवो में घरो के निर्माण के वक्त स्वच्छ भारत अभियान की तरफ से टॉयलेट निर्माण के लिए 12 हजार की राशि दी जाएगी.

मकान का साइज़ : इस योजना के अनुसार बनाए जाने वाले घरों का साइज भी निश्चित है. सरकार द्वारा यह साइज़ 25 स्वेयर मीटर तय किया गया है जिसमे कुकिंग और हाइजीनिक एरिया भी शामिल है.

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किये जाने वाले कार्यो और मजदूरों की मेपिंग (Mapping of Field Function and Mason) :

इस योजना के तहत आपको घर बनाने के आर्डर मिलने से पहले बीडीओ या ब्लाक लेवल ऑफिसर जो की राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त होते है वह लाभार्थी का प्रधानमंत्री आवास योजना पर अपडेट किये हुए फोटो का सत्यापन करते है. यह फोटो लाभार्थी द्वारा अपनी जगह के सामने जहाँ वह घर बनाना चाहता है वहाँ खड़े होकर लिया जाता है. अगर लाभार्थी पहले से बने हुए घर को पुनः ठीक करना चाहता है तो उसे यह बात भी एप के जरिये क्लियर करनी होगी.

अगर किसी परिस्थिति में लाभार्थी को जगह भी सरकार की तरफ से या अन्य किसी पब्लिक लैंड जैसे पंचायत की जमीन, कम्युनिटी की जगह या अन्य किसी लोकल अथॉरिटी के द्वारा प्रदान की जाती है, तो ऐसी जगह पर बिजली और पानी की सुविधा पहले से प्राप्त होना तय होता है. सरकार ने यह पहले ही सुनिश्चित किया है कि वर्तमान वेट लिस्ट के फाइनल होने के बाद ऐसे लोगों की जरुरत पर भी ध्यान दिया जायेगा जिनके पास स्वयं की जगह उपलब्ध नहीं है.

लाभार्थी की लिस्ट जारी करना (Issue of Sanction Letter to Beneficiary) :

इस योजना के तहत अंतिम सूची एमआईएस-आवास सॉफ्टवेयर में रजिस्टर हुए आवेदको के नाम के आधार पर बनाई जाती है. इस योजना में रजिस्टर करते वक्त आवेदक को अपना नाम, बैंक एकाउंट डिटेल, आधार कार्ड नंबर और मनरेगा कार्ड नंबर रजिस्टर करना आवश्यक होता है. इसके अलावा आवेदक को अपना मोबाइल नंबर भी देना होता है.

रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदक की डिटेल और बैंक एकाउंट का वेलिडेशन किया जाता है. इसके बाद प्रत्येक लाभार्थी के लिए सेनसेशन लेटर व्यक्तिगत रूप से बनाया जाता है और प्रत्येक के लिए एक अलग प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण आईडी और क्विक रेस्पोंसे कोड जनरेट किया जाता है. इस योजना के तहत अलोटमेंट पति व पत्नी दोनों के सयुक्त नाम पर किया जाता है, परंतु अगर आवेदक कोई विधवा महिला, अविवाहित महिला या सेपरेट व्यक्ति हो तो यह जरुरी नहीं होता. इस स्थिति में स्टेट में केवल महिलाओं के नाम पर भी अलोटमेंट किये जातें है. अगर किसी स्थिति में यह आवेदन किसी दिव्यांग के नाम पर किया गया है तो यह अलोटमेंट भी केवल उस व्यक्ति के नाम पर ही किया जायेगा.

लाभार्थी को उसके चयन की जानकारी उसके द्वारा दिये गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस करके प्रदान की जाती है. लाभार्थी यह सेंसेशन आर्डर ब्लाक ऑफिस पर जाकर या अपनी प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण की आईडी का उपयोग करके इसकी ऑफिसियल वेबसाइट से भी निकाल सकता है.

लाभार्थी को सेंसेशन लेटर मिलने के बाद 12 महीनों में उसके द्वारा घर का निर्माण करना आवश्यक है. अगर इस प्रक्रिया में किसी तरह की देरी होती है तो यह प्रोजेक्ट में कोम्प्लिकेशन उत्पन्न करता है.

लाभार्थी को पैसे प्राप्त होना (Release Instalment to Beneficiary) :

इस योजना के तहत लाभार्थी को उसका पहला इंस्ट्रूमेंट सेक्शन लेटर इशू होने के 7 दिन के अंदर मिल जाता है. यह इंस्टोलमेंट लाभार्थी को उसके बैंक एकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर किया जाता है. इसके बाद सरकार द्वारा उस बैंक से यह सुनिश्चित किया जाता है कि वह यह जानकारी एसएमएस के द्वारा लाभार्थी को उसके मोबाइल में पंहुचाएगी.

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फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत में यह तय किया जाता है की लाभार्थी को कितने इन्स्टॉलमेंट में और कितने पैसे दिये जायेंगे. इसकी राशि कम से कम तीन इन्स्टॉलमेंट में दी जाती है और घर के कंस्ट्रक्शन की 7 स्टेज होती है.

घर के लिए मंजूरी मिलना (House Sanction)

आधार (Foundation)

नीव (Plinth)

खिड़की दरवाजें (Windowsill)

छत (Lintel)

(Roofcast)

पुरा घर बनकर तैयार (Completed)

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घर के लिए पहली इंस्टालमेंट तो घर के लिए मंजूरी मिलते ही मिल जाती है परंतु दूसरी और तीसरी इंस्ट्रूमेंट के लिए घर के कंस्ट्रक्शन पर नजर रखी जाती है. और दूसरी इन्सटॉलमेंट फाउंडेशन और नीव के बनने के बाद मिलती है.

इसके बाद तीसरी और अंतिम इन्सटॉलमेंट के लिए चौथी, पाँचवी या छट्वी में से किसी भी स्टेज की मैपिंग करके पैसा लाभार्थी के एकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है.

इस योजना के तहत मिलने वाली कुल राशि (Total Amount for Beneficiary) :

इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्रोँ में 1 लाख 20 हजार की राशि सरकार की तरफ से लाभार्थी को दी जाएगी, जो की एक सब्सिडी होगी.

इसके अलावा इसमे स्वच्छ भारत मिशन की तरफ से 12 हजार रुपय टॉयलेट के निर्माण के लिए दिये जायेंगे.

घर की बनाई के लिए 18 हजार रुपए की राशि मनरेगा की तरफ से मिलेगी. जो की लाभार्थी स्वयं भी 90 दिन मजदूरी करके प्राप्त कर सकता है.

इन सबके अलावा अगर लाभार्थी चाहे तो एक्स्ट्रा पैसो के लिए 70 हजार का लोन बैंक से ले सकता है. इसके लिए विभिन्न बैंक और फाइनेंसियल संस्थाओं में यह सुविधा उपलब्ध है.

इस योजना के तहत प्राप्त कुल राशि “2,20,000” = 1,20,000(PMAY-G) + 18000(MGNAREGA) + SBM-G (12,000)+ Loan (70,000)

इस योजना के लिए आवेदन कैसे करे (How to Apply for PMAY-G) :

इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण व्यक्तियों को केवल जन सेवा केंद्र में जाकर एक फॉर्म या ब्लाक ऑफिस में जाकर एक फॉर्म भरना होता है. इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा लाभार्थियों चुनाव किया जाता है और अंतिम लिस्ट उच्च अधिकारियों द्वारा तैयार की जाती है.

प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण में साल 2018 -19 की लिस्ट में अपना नाम कैसे चेक करे (How to Check your Name in PMAY-G List) :

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जिन लोगों ने पूर्व में इस योजना के लिए फॉर्म भर रखे है उनका नाम इस योजना के लिए चयनित हो चूका है. अगर आप अपना नाम इस लिस्ट में चेक करना चाहतें है तो यह प्रक्रिया फॉलो करे :

अपना नाम इस लिस्ट में चेक करने के लिए आपको सर्वप्रथम इसकी ऑफिसियल साईट पर जाना होगा. इस लिंक पर क्लिक करते ही आप इसका ऑफिसियल पेज देख पाएंगे.

अब अपना नाम यहाँ सर्च कर सकते है. इसके लिए आपको रिपोर्ट पर जाकर क्लिक करना होगा. इस पर क्लिक करते ही आप अगले पेज पर पंहुच जायेंगे.

यहाँ पर आपको ए ब्लाक में फिजिकल प्रोग्रेस रिपोर्ट में निचे की और छटवे नंबर के ऑप्शन रजिस्ट्रेशन एंड सेंग्शन डिटेल वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.

अब इसके बाद आपको अगले पेज पर योजना सिलेक्ट करनी होगी और आपको अपने लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का चयन करना होगा.

इस पर क्लिक करते ही अगले पेज पर सारे राज्यों की सूची आपके सामने होगी जिसमे से आपको अपने राज्य का चयन करना होगा.

इसके बाद आपके सामने राज्यों के सभी जिलों की सूची उपलब्ध होगी जिसमे से आपको अपने जिले का चयन करना है.

अपने जिले के चयन के बाद आपके सामने अपने जिले के सभी ब्लाक की लिस्ट उपलब्ध होगी जिसमे से आपको अपने ब्लाक का चयन करना होगा.

इसके बाद आपके सामने आपके ब्लाक की ग्राम पंचायत की लिस्ट उपस्थित होगी जिसमे से आपको अपनी ग्राम पंचायत का चयन करना होगा और उसके नीचे लिखे बेनेफिसिअरी रजिस्टर और हाउस सेक्शन में दी गयी संख्या पर आपको क्लिक करना होगा|

इसके बाद इस योजना में चयनित लोगों की लिस्ट आपके सामने होगी जिसमे से आप अपना नाम खोज सकते है. अगर आपका नाम इस योजना के लाभार्थी में चयनित हुआ है तो वह यहाँ जरुर उपस्थित होगा.

प्रधान मंत्री आवास योजना शहरी  PMAY(U) (Pradhan Mantri Awas Yojana Urban) 

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक शहरोँ में रहने वाले गरीब व्यक्तियों और झोपड़पट्टी में रहने वालें व्यक्तियों को स्वयं का घर उपलब्ध करवाना है. सरकार अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निम्न बिन्दुओ के तहत कार्य करेगी.

झोपड़पट्टीवासियों का पुनर्वास करवाकर

शैक्षणिक समाचार एजुकेशनल न्यूज़ 20 अगस्त 2020 सरकारी स्कूलों में अब होगी ऑनलाइन योग क्लासेस कल प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग करेंगे फेसबुक लाइव के माध्यम से मैदानी अमले से चर्चा एक देश एक परीक्षा सभी सरकारी भर्तियों के लिए कॉमन टेस्ट होगा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले नहीं दे पाएंगे परीक्षा नई शिक्षा नीति को लेकर लोगों के पास जाएगी सरकार(Opens in a new browser tab)

क्रेडिट लिंक सब्सिटी उपलब्ध करवाकर कमजोर वर्ग को आवास उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जायेगा

सार्वजनिक और निजी क्षेत्रोँ में साझेदारी के साथ अफोर्डेबल हाउस उपलब्ध करवाकर

लाभार्थी के घर के निर्माण के लिए सब्सिडी उपलब्ध करवाकर

लाभार्थी (Beneficiaries):

इस योजना के अंतर्गत शहरी लाभार्थियों की श्रेणी में सर्वप्रथम झोपडपट्टीयों को शामिल किया गया है. किसी शहर का ऐसा हिस्सा जहाँ लगभग 300 व्यक्ति या 60-70 परिवार बिना बुनियादी सुविधा जैसे बिजली, वाश एरिया और गंदगी भरे माहोल में गलत तरीको से बने मकानों में अपना जीवन व्यतीत करतें है उसे झोपड़पट्टी का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत सरकारी प्रयासों से इन घरो में रहने वाले लोगों को स्वयं का और बुनियादी सुविधाओं से युक्त आवास उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है.

इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्र में लाभार्थियों की सूची में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS, Economic weaker section), कम आय वाले समूह (LIGs, Low income Groups) और माध्यम आय समूह (MIG, Middle income groups) शामिल है. वे परिवार जिनकी आय 3 लाख से कम है उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कि श्रेणी में, जिनकी आय 3 से 6 लाख के मध्य है उन्हें कम आय वाले समूह में और जिनकी आय 6 से 18 के मध्य है उन्हें माध्यम आय वर्ग में रखा गया है. इनमें से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग इस योजना का संपूर्ण लाभ ले सकतें है वहीं एल आई जी और एम आई जी वर्ग केवल क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का लाभ लेने के पात्र होंगे.

इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और एलआईजी और एमआईजी कि पहचान करने के लिए व्यक्ति को सेल्फ सर्टिफिकेट या एफिडेविट अपनी लोन एप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा.

एक लाभार्थी के संपूर्ण परिवार में पति, पत्नी अविवाहित बेटे और बेटियां शामिल होंगी. इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है कि लाभार्थी के परिवार में लाभार्थी या अन्य किसी के भी नाम भारत में कही पर भी कोई पक्का घर रजिस्टर्ड ना हो.

योजना के विभिन्न फेज (Different Phase of Scheme) :

इस योजना के लांच होने के बाद से लेकर साल 2022 तक इसमें 3 फेज में काम किया जायेगा ये तीन फेज इस प्रकार है.

फेज I में अप्रैल 2015 से मार्च 2017 तक इस योजना के अंतर्गत चयनित राज्यों के 100 शहरो में कार्य किया गया.

इसके बाद इस योजना का फेज 2 अप्रैल 2017 से शुरू होकर मार्च 2019 तक चलेगा. इसमें भारत के अन्य 200 शहरोँ को भी शामिल किया जायेगा. और वहाँ के लाभार्थियों का चयन कर उन्हें लाभ दिलाये जायेंगे.

इस योजना का तृतीय फेज अप्रैल 2019 से चालू होकर मार्च 2022 तक चलेगा जिसमें अन्य बचे हुए शहरों को भी कवर कर संपूर्ण भारत में सबके पास स्वयं का आवास उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाएगी.

योजना के विभिन्न भाग (Different Parts of Scheme)

इस योजना के अंतर्गत शहरोँ में तीन तरीको से अलग अलग इनकम ग्रुप वाले लोगों को अपना स्वयं का घर उपलब्ध करवाने कि कोशिश कि जा रही है. इस अलग अलग इनकम ग्रुप के आधार पर विभिन्न भागों में विभाजित लोगों को मिलने वाली सुविधाए भी निम्न होगी. निचे पॉइंट्स में इन लोगों को मिलने वाली सुविधा का विस्तार से वर्णन किया गया है.

“इन-सीटू” स्लम रिडेवलपमेंट (In-situ Slum Redevelopment) : यहाँ इन-सीटू से तात्पर्य मुख्य वास्तविक स्थान से है. और यह इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रधानमंत्री आवास योजना का एक महत्वपूर्ण भाग है. भारत के शहरी क्षेत्रोँ में झोपड़पट्टीयों में रहने वालें लोगों को सभी जरुरी सुविधाए उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से यह योजना का शुरुआत की गई है. इसके अंतर्गत झोपड़पट्टीयों कि जगह को उपयोग करकें और प्राइवेट संस्थानों कि भागीदारी के साथ इन झोपड़पट्टीयों का पुनर्विकास किया जायेगा और इसे आधारभूत सुविधा से युक्त रहने लायक स्थान में परिवर्तित किया जायेगा. इस तरह से जिस जगह पर झोपड़पट्टीयां बनाई गई है उसका उपयोग कर सेनेटरी सुविधा से युक्त, सुलभ और बेहतर घर बनाकर लोगों को उपलब्ध कराये जायेंगे. सरकारी या निजी जमीन पर उपलब्ध झोपडपट्टीयों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जायेगा और इस योजना में शामिल निजी भागीदारो को विभिन्न राज्यों में खुली बोली लगाकर चुना जायेगा.

इस योजना के तहत लाभार्थियों का योगदान केंद्र सरकार के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा तय किया जायेगा. इसमें कटऑफ की पात्रता भी राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी. और केंद्र शासित प्रदेशो में यह अधिकार वहा कि सरकार के पास होंगे. यह योजना संबंधित स्थानों से झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों से परामर्श के बाद और उनके सहयोग से प्रारंभ की जाएगी.

“इन सीटू स्लम” के मुख्य बिंदु और लाभ :

इस योजना को और अधिक आसान बनाने के लिए राज्य सरकारे या केंद्र शासित प्रदेशो में सरकार के द्वारा इसमें एडिशनल फ्लोर एरिया रेश्यो, फ्लोर स्पेस इंडेक्स और हस्तांतरणीय विकास अधिकार प्रदान किये जाते है.

राज्य में मौजूद सरकार द्वारा झोपड़पट्टी से पुनर्निवास के लीये प्रत्येक घर को 1 लाख रूपए तक का अनुदान दिया जा सकता है. यह राशी उन सभी लाभार्थियों को मिलेगी जो इस योजना के अंतर्गत योग्य होंगे. यह 1 लाख रूपए एक औसत राशी से अंतिम निर्णय राज्य में मौजूद सरकार द्वारा लिया जायेगा.

इन बन रहें घरो का लाभार्थियों को पूर्णत स्वामित्व दिया जायेगा या यह घर लीज पर दिए जायेंगे यह अधिकार भी पूर्ण रूप से राज्य सरकार के पास होगा.

इस योजना के तहत बने घरो में दो घटक होंगे: झोपड़ी पुनर्निवास घटक और मुफ्त बिक्री घटक. झोपड़ी पुनर्निवास घटक में बुनियादी सुविधाओं के साथ एक घर मिलेगा, और मुफ्त बिक्री घटक में स्लम डेवलपर्स ओपन मार्केट में घरो को बेचने में सक्षम होंगे.

जब तक झोपड़पट्टी के एरिया में विकास का कार्य चलेगा तब प्राइवेट डेवेलपेर्स झोपड़पट्टी में रहने वाले व्यक्तियों को अल्पकालिक आवास कि व्यवस्था करके देंगे.

क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (Credit Link Subsidy Scheme)

इस योजना का एक अन्य भाग क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के द्वारा अफोर्डेबल हाउस उपलब्ध करवाना है. इसके अंतर्गत भी अलग-अलग इनकम ग्रुप में लोगों को विभाजित किया गया है. इसका विवरण इस प्रकार है :

आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और कम आय वाले समूह (LIG) के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम:

प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत शहरोँ में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर और कम आय वाले समूहों के लिए सरकार ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को परिचित करवाया.

मुख्य बिंदु और लाभ :          

इस योजना के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लोगों के लिए घर उपलब्ध करवाने के लिए इन्हें विभिन्न बैंकों और अन्य फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट के द्वारा 6.5 प्रतिशत की दर से 20 सालो कि समय अवधी के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा. ताकि उन्हें अपना स्वयं का घर बनवाने में दिक्कत ना हो.

इस योजना के तहत लाभार्थी को यह सब्सिडी 6 लाख के लोन अमाउंट पर ही दी जाएगी इसके अतिरिक्त यदि लाभार्थी अन्य लोन लेता है तो वह उसे वर्तमान में मौजूद ब्याज दरो पर ही अदा करना होगा.

इस योजना के अंतर्गत पहले लाभार्थी को लोन का पूरा इएमआई ऋण खाते के माध्यम से बैंक या फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट में जमा करना होगा उसके पश्चात् उस विभाग द्वारा मासिक किश्त का अमाउंट काटकर सब्सिडी कि राशि वापस लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

केंद्र के नियम के आधार पर यह आवास घर के महिला मुखिया सदस्य या घर में पति व् पत्नि के संयुक्त नाम पर होगा. केवल घर में बालिग महिला कि अनुपस्थिति में ही यह घर घर के पुरुष सदस्य के नाम पर हो सकता है.

इस योजना के तहत बन्ने वालें घरो में कमरों के अतिरिक्त रसोई शौचालय और बिजली पानी कि आधारभूत सुविधा होना अनिवार्य है.

इडब्ल्यूएस ग्रुप के अंतर्गत लाभ लेने वाले व्यक्तियों कि वार्षिक आय 3 लाख तक होना चाहिए तभी वे इस योजना के पात्र होंगे. और एलआईजी के अंतर्गत लाभ लेने वाले

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