कोरोना से लड़ाई के लिए प्रोनिंग वेंटिलेशन हुई कारगर, Proning से बढ़ता है ऑक्सीजन का स्तर ! जाने क्या है इस दावे की सच्चाई ?
How To Increase Oxygen Level In Body? कोरोना संक्रमण की इस महामारी में सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार काफी गर्म है ऐसी स्थिति में क्या करें क्या ना करें यह समझना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। वर्तमान में प्रोनिंग से ऑक्सीजन स्तर बढ़ाया जा सकता है । क्या यह दावा सच है? चलिए जानते हैं इस दावे के बारे में।
प्रोनिंग से ऑक्सीजन लेवल बढ़ने के दावे की सच्चाई ? Increase Oxygen Level In Body.
डिजिटल एजुकेशन पोर्टल द्वारा जब प्रोनिंग से ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने की खबर सामने आई तो इस खबर की पुष्टि करने के लिए भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राजस्थान सरकार चिकित्सा शिक्षा विभाग से दावे की पुष्टि करने पर पता चला कि यह दावा सच है।
How To Increase Oxygen Level In Body?
जी हां ☑️☑️ प्रॉनिंग करने से आपके शरीर का ऑक्सीजन लेवल बढ़ सकता है। यह बात खुद मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ डिपार्टमेंट भारत सरकार ने ट्वीट कर बताई है। वही इस संबंध में राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा भी एडवाइजरी जारी कर सभी अस्पतालों को होम आइसोलेटेड मरीजों द्वारा ऑक्सीजन कमी होने पर प्रोनिंग करने की सलाह देने के निर्देश दिए गए हैं। वही इस बात के पुख्ता सबूत मेडिकल साइंस में भी दिए हैं। हालांकि प्रोनिंग करने के तरीके एवं इसे कब करना चाहिए तथा किसे नहीं करना चाहिए इसके बारे में आपको विस्तृत जानकारी होना अति आवश्यक है। डिजिटल एजुकेशन पोर्टल द्वारा आप लोगों की सुविधा के लिए प्रोनिंग करने के नियम निर्देश एवं आवश्यक जानकारी आपके साथ साझा की जा रही है। कृपया इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
Ministry Of Health Mohfw India एवं राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की एडवाइजरी How To Increase Oxygen Level In Body?
भारत शासन स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार प्रोनिंग वेंटिलेशन कोविड-19 एवं आइसोलेटेड मरीजों में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में काफी कारगर सिद्ध हुआ है। राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में समस्त कोविड-19 पॉजिटिव एवं होम आइसोलेटेड मरीजों को ऑक्सीजन की कमी होने पर प्रोनिंग वेंटीलेशन प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी है।
राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी
कोविड-19 के मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर गिरने पर उनके ऑक्सीजन के स्तर में सुधार हेतु प्रोनिंग करना होता है। यदि मरीजों को श्वांस लेने में दिक्कत हो तो वे प्रोनिंग कर सकते है। प्रोनिंग कोविड-19 के होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से लेकर आईसीयू में भर्ती मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने में काफी मददगार रही है।
Ministry of Health Department ने ट्वीट पर दी जानकारी
प्रोनिंग से होगा कोविड मरीजों के वेंटीलेशन में सुधार
जब ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आ जाए, तो होम आइसोलेशन में रहते हुए कोविड मरीज को प्रोनिंग करनी चाहिए। प्रोनिंग की यह स्थिति वेंटीलेशन में सुधार करके मरीज की जान तक बचा सकती है।
होम आइसोलेशन मरीजों के लिए रामबाण
कोविड-19 मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं । देश में कोविड-19 मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यदि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो तो वह प्रोनिंग का तरीका अपना सकते हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए प्रोनिंग काफी मददगार है। इससे आईसीयू में रहने वाले मरीजों में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं । जिन मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और जो घर में रहकर इलाज कर रहे हैं, उनके लिए प्रोनिंग के तरीके सुझाए गए हैं। दरअसल प्रोनिंग कोरोना मरीजों के लिए बहुत अच्छा तरीका है। होम आइसोलेशन में रहते हुए अगर मरीज इसे कर ले तो अपने ऑक्सीजन लेवल में सुधार कर सकता है ।
ऑक्सीकरण में सुधार करने के लिए मेडिकली स्वीकृत है प्रोनिंग
प्रोनिंग की पोजीशन सांस लेने में आराम और ऑक्सीकरण में सुधार करने के लिए मेडिकली प्रूव्ड है इसमें मरीज को पेट के बल लिटाया जाता है। यह प्रक्रिया 30 मिनट से दो घंटे की होती है । इसे करने से फेफड़ों में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे ऑक्सीजन फेफड़ों में आसानी से पहुंचती है और फेंफड़े अच्छे से काम करने लगते हैं। ऑक्सीजनेशन में इस प्रक्रिया को 80 प्रतिशत तक सफल माना जा रहा है ।
कैसे करें प्रोनिंग
• प्रोनिंग के लिए लगभग चार से पांच तकियों की जरूरत होती है ।सबसे पहले रोगी को बिस्तर पर पेट के बल लिटाएं । • एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें • फिर एक या दो तकिए गर्दन, छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें • बाकी के दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रख सकते हैं। ध्यान रखें इस दौरान कोविड रोगी को गहरी और लंबी सांस लेते रहना है ।
30 मिनट से लेकर करीब दो घंटे तक इस स्थिति में रहने से मरीज को बहुत आराम मिलता है। लेकिन 30 मिनट से दो घंटे के बीच मरीज की पोजीशन बदलना जरूरी है। इस दौरान मरीज को दाई और बाई करवट लिटा सकते हैं ।
प्रोनिंग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- खाने के तुरन्त बाद प्रोनिंग करने से बचें ।
- 16 घंटों तक रोजाना कई चकों में कर सकते हैं, इससे बहुत आराम मिलेगा
- इस प्रक्रिया को करते समय घावों और चोट को ध्यान में रखें.
- दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम देने के लिए तकियों को एडजस्ट करें ।
प्रोनिंग कब नहीं करनी चाहिए
- गर्भावस्था में महिला का प्रोनिंग करने से बचना चाहिए ।
- गंभीर कार्डियक स्थिति में प्रोनिंग से बचें ।
- यदि स्पाईन से जुड़ी कोई परेशानी हो या फिर पेल्विक फ्रैक्चर हो, तो प्रोनिंग करने से नुकसान हो सकता है ।
- भोजन करने के तुरन्त बाद प्रोनिंग की प्रक्रिया से बचें ।
राजस्थान सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी देखें
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