बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध परिषदीय विद्यालयों में कूटरचित शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर नौकरी हथियाए शिक्षकों के बर्खास्तगी का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में गुरुवार की शाम बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भदवा में तैनात सहायक अध्यापक को बर्खास्त किया। आरोप है कि सत्यापन में शिक्षक की बीएड सर्टिफिकेट फर्जी मिली।
साथ ही एफआईआर दर्ज करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया। अब तक जिले के परिषदीय विद्यालयों मैं फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे 51 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। दर्जनों शिक्षकों पर तलवार लटक रही है। विभागीय कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति है।
बर्खास्त शिक्षक श्यामलाल यादव पुत्र सूर्यबल्ली मूल रूप से गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव का निवासी है। तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश से 27 जून 2009 को उसकी तैनाती प्राथमिक विद्यालय भदवों में हुई थी। विभागीय अभिलेखों के अनुसार श्यामलाल यादव दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध बुद्ध स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय से बीएड किया था।
नौकरी में लगाए गए शिक्षा प्रमाण पत्र वर्ष 2001 अनुक्रमांक 1200366 से जारी हुआ था। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में अनामिका प्रकरण के आने के बाद शासन की तरफ से प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करने का फरमान जारी किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से अन्य शिक्षकों के साथ श्यामलाल का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजा गया था।
विश्वविद्यालय की तरफ से उपलब्ध कराई गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2001 में अनुक्रमांक 1200366 पर श्यामलाल की जगह मोहन राम पुत्र प्रभुनाथ राम अंकित है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक श्यामलाल यादव को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बीएसए ने कई अवसर पर दिया। लेकिन बचाव में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
इस पर गुरुवार को बीएसए ने कूटरचित शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक को बर्खास्त कर दिया। अब तक जिले के परिषदीय विद्यालयों मैं बर्खास्त होने वाले शिक्षकों की संख्या 51 तक पहुंच गई है। बीएसए ओपी त्रिपाठी का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक श्यामलाल यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। एफआईआर दर्ज कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दे दिया गया है।
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