![जानिए 21 सितंबर से किन राज्यों मैं खुल रहे हैं स्कूल और किन राज्यों ने मना करा है 4 Digital education portal default feature image](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/12/digital-education-portal-default-feature-image.png?fit=1200%2C630&ssl=1)
नई दिल्ली- देशभर में कोरोना वायरस के कारण स्कूल काफी़ समय से बंद है जिसकी वजह से एजुकेशन सेक्टर प्रभावित हुआ है। एेसे में बहुत से राज्योें में ऑनलाइन क्लासेस लगाकर स्टडी करवाई जा रही है। लेकिन दिल्ली के बच्चों के पास मोबाइल या लैपटॉप न होने के कारण महीनों से उनकी पढ़ाई रुकी पड़ी है। इस समस्या को देखते हुए आज दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्राइवेट स्कूल ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप उसी फॉर्मेट का खरीद कर देंगे जिसमें बाकी की छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराई जा रही है।अदालत ने कहा कि ऐसी सुविधाओं की कमी बच्चों को मूलभूत शिक्षा प्राप्त करने से रोकती है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने कहा कि गैर वित्तपोषित निजी स्कूल, शिक्षा के अधिकार कानून-2009 के तहत उपकरण और इंटरनेट पैकेज खरीदने पर आई तर्कसंगत लागत की प्रतिपूर्ति राज्य से प्राप्त करने के योग्य हैं, भले ही राज्य यह सुविधा उसके छात्रों को मुहैया नहीं कराती है।”
पीठ ने गरीब और वंचित विद्यार्थियों की पहचान करने और उपकरणों की आपूर्ति करने की सुचारु प्रक्रिया के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया। समिति में केंद्र के शिक्षा सचिव या उनके प्रतिनिधि, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव या प्रतिनिधि और निजी स्कूलों का प्रतिनिधि शामिल होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि समिति गरीब और वंचित विद्यार्थियों को दिए जाने वाले उपकरण और इंटरनेट पैकेज के मानक की पहचान करने के लिए मानक परिचालन प्रकिया (एचओपी) भी बनाएगी। पीठ ने कहा कि इससे सभी गरीब और वंचित विद्यार्थियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण और इंटरनेट पैकेज में एकरूपता सुनिश्चित हो सकेगी। यह फैसला अदालत ने गैर सरकारी संगठन ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की जनहित याचिका पर सुनाया।
संगठन ने अधिवक्ता खगेश झा के जरिये दाखिल याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को गरीब बच्चों को मोबाइल फोन, लैपटॉप या टैबलेट मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था ताकि वे भी कोविड-19 लॉकडॉउन की वजह से चल रही ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ ले सके।केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से कंटेंमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए आंशिक तौर पर स्कूल खोलने की अनुमति दी है। लेकिन, कई राज्यों ने कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर मनाही कर दी है। जबकि, कई राज्यों ने अभी तक इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। कई राज्य 21 सितंबर से छात्रों के लिए स्कूल खोलने को तैयार हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए अनलॉक 4 के तहत स्कूल खोलने की अनुमति दी थी।अनलॉक 4.0 की गाइडलाइन में कहा गया था कि अभिभावकों से लिखित अनुमति के बाद ही नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्र स्कूल जा सकेंगे। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्कूलों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी गाइडलाइंस जारी की थी। आइए जानते हैं स्कूल खुलने को लेकर क्या है राज्यों की स्थिति
असम में 21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल
असम में नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के स्कूल 21 सितंबर से खुलेंगे। इसके लिए सरकार ने एसओपी जारी की है।असम के राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बी कल्याण चक्रवर्ती द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों को खोलने को लेकर जारी की गई एसओपी 21 सितंबर से प्रभावी होगी और अगले 15 दिनों तक लागू होगी। 15 दिन बाद स्थिति को देखते हुए एसओपी को संशोधित किया जाएगा। एसओपी में कहा गया है कि 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूलों में आने की अनुमति होगी, जबकि अन्य सभी कक्षाएं निलंबित रहेंगी। कक्षा 9 और 12वीं के लिए सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। जबकि, 10 वीं और 11वीं कक्षा के लिए मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
यूपी, बिहार और गुजरात
उत्तर प्रदेश में 21 सितंबर से स्कूल खुलने की उम्मीद कम है। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी इस तरह के संकेत दिए हैं। अभी सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। स्कूलों को फिर से खोलने पर फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
जबकि, बिहार में 30 सितंबर तक स्कूल बंद हैं। पटना में कंटेनमेंट जोन के बाहर कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। गुजरात सरकार ने 21 सितंबर से नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने से साफ मना कर दिया है। ऐसा सूबे में बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए किया गया है।
उत्तराखंड, झारखंड और मध्यप्रदेश
उत्तराखंड में 21 सितंबर से नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल नहीं खुलेंगे। सूबे की सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया है। सूबे में30 सितंबर तक स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे। वहीं, झारखंड में 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने को लेकर अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश में 21 सितंबर से 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खुलेंगे। स्कूल दो पाली में संचालित होंगे, जिसमें अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा।
राजस्थान, हरियाणा और केरल
राजस्थान में स्कूल 21 सितंबर से नहीं खुलेंगे। नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थी अभिभावकों की अनुमति से शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने जा सकते हैं।
लेकिन क्लासेस नहीं लगेंगी। वहीं, हरियाणा सरकार ने 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी है।
जबकि, केरल ने भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर मनाही कर दी है।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.