दूरदर्शन के माध्यम से “हमारा घर हमारा विद्यालय” की जानकारी की साझा मध्यप्रदेश दूरदर्शन के माध्यम से बुधवार को रात्रि 8:30 बजे प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त राज्य शिक्षा श्री लोकेश कुमार जाटव ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।
![दूरदर्शन के माध्यम से "हमारा घर हमारा विद्यालय" की जानकारी की साझा मध्यप्रदेश दूरदर्शन के माध्यम से बुधवार को रात्रि 8:30 बजे प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त राज्य शिक्षा श्री लोकेश कुमार जाटव ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। 4 Digital education portal default feature image](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/12/digital-education-portal-default-feature-image.png?fit=1200%2C630&ssl=1)
प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम में बताया गया कि ”हमारा घर-हमारा विद्यालय” योजना प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। घर के स्कूल में प्रातः 10 बजे पालक द्वारा घण्टी/थाली बजाकर स्कूल प्रारम्भ किया जाएगा, इसी प्रकार दोपहर एक बजे घण्टी/थाली बजाकर अवकाश किया जाएगा। इससे बच्चों को घर में ही विद्यालय का आभास होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक सुझावात्मक समय-सारिणी भी पालकों और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक विषयानुरुप अध्ययन होगा तथा शनिवार को मस्ती की पाठशाला के तहत मनोरंजनात्मक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। वहीं शाम को 2 घंटे विद्यार्थी अपने पारिवारिक बड़े-बुजुर्गों से कहानियां सुनकर उन पर नोट्स तैयार करेंगे और योग तथा अन्य खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन अपने घर पर ही करेंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस संबंध में अनेक पारंपरिक गतिविधियों के सुझाव भी दिए गए हैं।
आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव ने बताया कि कोरोना संकटकाल की स्थिति में छात्रों के निर्बाध सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें व्हाट्स एप के माध्यम से डिजिलेप- यानी डिजिटल लर्निंग इन्हांसमेंट प्रोग्राम, रेडियो के माध्यम से रेडियो स्कूल, दूरदर्शन मध्यप्रदेश पर क्लास रूम का प्रसारण, पिछले साल की दक्षता उन्नयन वर्कबुक का ग्रीन जोन में वितरण तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों को दैनिक आधार पर फोन से संपर्क करना और उनकी पढाई में सहायता करना आदि प्रमुख हैं। इसी कड़ी में अब ”हमारा घर-हमारा विद्यालय” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
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