Farmer's scheme

25 से आंदोलन का इलान पूरे देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी

पूरे देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है तो समर्थन में भी अब आवाज उठने लगी है. विपक्ष ने सरकार के खिलाफ झंडा उठा लिया है और देशभर में प्रदर्शन की चेतावनी दी है तो इस बीच महाराष्ट्र के बड़े किसान संगठन शेतकारी संगठन ने भी समर्थन में रैली का ऐलान किया है. शेतकारी संगठन की स्थापना कभी मशहूर किसान नेता रहे शरद जोशी ने की थी.शेतकारी संगठन ने घोषणा की है कि उसके कार्यकर्ता 25 सितंबर को सड़कों पर उतरेंगे. लेकिन यह प्रदर्शन किसान बिल के खिलाफ नहीं बल्कि समर्थन में होगा. संगठन का कहना है कि किसानों की जो लंबे दिनों से मांग थी, सरकार ने उसे पूरा किया है.
बता दें, रविवार को राज्यसभा से दो कृषि बिल पारित कर दिए गए.


इस बिल में किसानी सेक्टर में आमूल-चूल बदलाव की बात कही जा रही है. खासकर एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में बड़े सुधार के प्रस्ताव हैं. किसान अब एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) से बाहर जाकर भी अपना अनाज बेच सकेंगे. केंद्र सरकार इसे ऐतिहासिक सुधार बता रही है, हालांकि किसानों और विपक्ष का आरोप है कि नए सुधार बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी गई है. विपक्ष का आरोप है कि इससे किसानों के हाथ बंध जाएंगे और वे बड़े कॉरपोरेट घरानों के हाथों शोषण के लिए मजबूर होंगे. इसे लेकर पूरे देश में खासकर पंजाब-हरियाणा में विरोध प्रदर्शन तेज है.


इसके विपरीत महाराष्ट्र में कई किसानी संगठनों ने बिल का समर्थन किया है. पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने केंद्र की इस पहल का स्वागत किया है. हालांकि उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि कुछ कानूनी प्रावधान ऐसे हों कि किसानों के साथ धोखा न हो या उन्हें ठगा न जाए. शेट्टी ऑल इंडिया किसान संघर्ष समिति (एआईकेएसएस) से जुड़े हैं जिसके तहत 200 कृषि संगठन आते हैं. शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत ने केंद्र सरकार के कदम को बड़ा सुधार बताया है और कहा है कि इससे किसानों को वित्तीय आजादी मिलेगी.


घनवत ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि उनके कृषि संगठन ने बिल का समर्थन करने का निर्णय लिया है क्योंकि इन बिलों से किसानों को मदद मिलेगी. घनवत ने कहा कि दोनों बिलों से किसान अब अपने उत्पाद के असल मालिक होंगे. मौजूदा सिस्टम में किसान मंडियों के अलावा अपने उत्पाद कहीं और नहीं बेच सकते. जबकि अब प्राइवेट सेक्टर को भी इसमें मौका मिलेगा जिससे किसानों को एक से ज्यादा बाजार मिलेंगे, जहां वे अपना उत्पाद बेच सकते हैं.


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