मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के ओमिक्रोन वैरीएंट मिलने के बाद भी फिलहाल कोई प्रतिबंध प्रदेश में नहीं लगाये जाएंगे। उन्होंने 15 से 18 साल के किशोरावस्था वाले बच्चों की वैक्सीनेशन प्रोसेस के बारे में अधिकारियों से चर्चा के बाद कहा कि इनको सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। इसके लिए 1 जनवरी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए जाएंगे। साथ ही स्कूल के आईडी भी मान्य किए जाएंगे|
मंत्रालय में अफसरों के साथ कोरोना की समीक्षा बैठक में 3 जनवरी से शुरू होने वाले 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर सीएम ने बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि रात्रि कालीन कर्फ्यू 11 बजे से 5 बजे तक जारी रहेगा। सभी आर्थिक गतिविधियां जारी रहेंगी। अन्य सभी कार्यक्रम यथावत चलते रहेंगे। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न हो, इसके प्रयास किए जाएं। सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। लोग सतर्क रहें, मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सिनेशन कार्यक्रम का अभियान चलेगा। बुज़ुर्गों के वैक्सिनेशन को भी गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने आज फिर कोविड टीकाकरण के मामले में एक और अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त की है। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य ( बड़े राज्यों में) बन गया है जहां 90 प्रतिशत नागरिकों को कोविड 19 का द्वितीय डोज लगाया जा चुका है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं।
15-18 वर्ष के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की गाइडलाइन
-1 जनवरी 2022 से कोविन एप/कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।
-15-18 वर्ष के किशोरों का कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन होगा।
- 3 जनवरी 2021 से टीकाकरण शुरू होगा।
- किशोरों को केवल को-वैक्सीन ही लगाई जाएगी।
-रजिस्ट्रेशन के लिए कोविन एप/कोविन पोर्टल पर आधार के अलावा 9 अन्य दस्तावेजों में किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं।
-स्कूल का परिचय पत्र भी मान्य होगा।
-ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाने पर रिफरेंस ID और सीक्रेट कोड मिलेगा।
-वैक्सीनेशन सेंटर पर यह रिफरेंस ID और सीक्रेट कोड बताना होगा।
- वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर भी किशोर पंजीयन करवा सकते हैं।
उधर इंदौर में खजराना मंदिर में आधी रात की आरती में एंट्री पर रोक
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में प्रतिवर्ष 31दिसंबर की रात्रि को ठीक 12 बजे विशेष आरती की जाती है लेकिन रात्रिकालीन प्रतिबंध के चलते इस साल आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। आरती में सिर्फ़ मंदिर के पुजारीगण ही मौजूद रहेंगे। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा तिल चतुर्थी के अवसर होने वाले आयोजन का स्वरूप भी छोटा रहेगा। आयोजन के दौरान लगने वाले मेले को इजाज़त नहीं दी गई है।
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