फर्जी कॉल को लेकर सरकार ने किया आगाह इन 8 बातो का रखे ध्यान #digitalawareness
साइबरदोस्त गृहमंत्रालय द्वारा चलाया जाने वाला एक ट्विटर हैंडल है जिसका उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरूकता फैलाना है. साइबर दोस्त ने लोगों से अपील की है कि वे फर्जी कॉल से सावधान रहें जो कि लुभावने ऑफर का लालच देकर व्यक्तिगत जानकारियां हासिल करने की कोशिश करती हैं.
हम आपको फर्जी कॉल से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी दे रहे हैं जो आपको ऐसे धोखाधड़ी वाली कॉल से बचने में मदद करेंगी.
- इन फर्जी कॉल के मोबाइल नंबर आमतौर पर +92 से शुरू होते हैं.
- ये कॉल सामान्य वॉयस कॉल या व्हाट्सएप कॉल हो सकते हैं.
- इन कॉलों का उद्देश्य किसी की व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक खाता संख्या या डेबिट कार्ड विवरण प्राप्त करना होता है.
- नागरिकों को फर्जी लॉटरी या लकी ड्रा के बहाने अपना ब्योरा देने का लालच दिया जाता है.
- जालसाज एक नकली प्राधिकरण के हस्ताक्षर के साथ मैसेज को भेज कर इसे वैध दिखाने की कोशिश करते हैं.
- जालसाज संदेश के साथ QR कोड और बारकोड भी साझा कर सकते हैं. ऐसे क्यूआर कोड को कभी भी स्कैन न करें.
- फर्जीवाड़ा करने वाले एक बार जिस नंबर पर कॉल करते हैं उसपर लगातार कॉल करते हैं.
- धोखाधड़ी करने वाले भी कथित तौर पर +01 से शुरू होने वाले नंबरों से भी कॉल करते हैं.
देते हैं लकी ड्रॉ या लॉटरी का लालचकॉल के दौरान लोगों के बैंक अकाउंट नंबर से लेकर डेबिट कार्ड डीटेल्स तक की जानकारी चुरा ली जाती है. इसके लिए उन्हें लॉटरी जीतने या लकी ड्रॉ में नाम आने जैसे लालच दिए जाते हैं और बदले में बैकिंग डीटेल्स यह कहकर मांगे जाते हैं कि जीती हुई रकम आपको अकाउंट में भेजी जाएगी. फ्रॉड करने वाला किसी बड़ी कंपनी का नाम लेकर अपनी सर्विस असली होने का भरोसा विक्टिम को दिलाता है, जिससे उसं फंसाया जा सके.
ऐसे कोड्स को गलती से भी नहीं करें शेयर
कॉलर की ओर से कई बार QR कोड या फिर बार कोड भेजकर उन्हें स्कैन करने के लिए भी कहा जाता है. गलती से भी ऐसे कोड्स को स्कैन ना करें. स्कैम करने वाले एक से ज्यादा कॉल्स भी अलग-अलग नंबरों से कर सकते हैं.
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