सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर केंद्र ने बदल दिए सैलरी से जुड़े अहम नियम
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नई दिल्ली. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Central Government Employee) के लिए वेतन की सुरक्षा को लेकर ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मद्देनजर केंद्र सरकार में डायरेक्ट भर्ती के जरिये अलग सेवा या कैडर में नए पद पर नियुक्ति होने के बाद कर्मचारी को वेतन की सुरक्षा (Pay Protection) मिलेगी. यह सुरक्षा सातवें वेतन आयोग के FR 22-B(1) के तहत मिलेगी.
जिम्मेदारी होने या नहीं होने पर भी मिलेगी पे प्रोटेक्शन
ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की रिपोर्ट और CCS (RP) नियम-2016 के लागू होने पर राष्ट्रपति ने FR 22-B(1) के तहत किए गए प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों को प्रोटेक्शन ऑफ पे की इजाजत दी है, जिनकी दूसरी सेवा या कैडर में प्रोबेशनर (Probationer) के तौर पर नियुक्ति हुई है.
ये प्रोटेक्शन ऑफ पे हर हाल में केंद्रीय कर्मचारी को वेतन सुरक्षा देगा, चाहे उनके पास ज्यादा जिम्मेदारी हो या नहीं. यह आदेश 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना जाएगा.
ं :- मंत्रालयों और विभागों की ओर से किया गया था आग्रह
डीओपीटी के ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि FR 22-B(1) के तहत प्रोटेक्शन ऑफ पे को लेकर मंत्रालयों (Ministries) या विभागों (Departments) से मिले कई रेफरेंसेस के बाद इसकी जरूरत महसूस की गई कि केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारी जो तकनीकी तौर पर इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार की अलग सेवा या कैडर में नए पद पर सीधी भर्ती (Direct Recruitment) से नियुक्त होते हैं, उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
प्रोबेशन पर नियुक्त हुए कर्मचारी के लिए है ये नियम
FR 22-B(1) के प्रावधानों में कहा गया है कि ये नियम उस सरकारी कर्मचारी के वेतन को लेकर हैं, जो दूसरी सेवा या कैडर में प्रोबेशन (Probation) पर नियुक्त हुआ है और उसके बाद उस सेवा में स्थायी तौर पर नियुक्त किया गया है. प्रोबेशन की अवधि के दौरान वह न्यूनतम टाइम स्केल पर वेतन निकालेगा या सेवा या पद की प्रोबेशनरी स्टेज पर निकासी करेगा. प्रोबेशन की अवधि के खत्म होने के बाद सरकारी कर्मचारी का वेतन सेवा के टाइम स्केल में या पद में तय किया जाएगा. इसे नियम 22 या नियम 22-C को देखते हुए किया जाएगा.
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