शिक्षा नीति 2020: सरकारी-निजी स्कूलों में अब होंगे एक नियम
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश में कल नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूली शिक्षा में नामांकन कराने का लक्ष्य तय किया गया। इसका मतलब कि देश के सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण में अब सभी सरकारी और निजी स्कूल शामिल किए गए हैं। पहली बार ऐसा होगा कि सरकारी और निजी स्कूल में एक जैसे नियम लागू किए जाएंगे। जिससे निजी स्कूलों की मनमानी और फीस पर लगाम लगेगी।
बच्चों को मिड-डे मिल के साथ नाश्ता भी मिलेगा
नई शिक्षा नीति के तहत ग्रामीण, पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए स्कूलों में अब नाश्ता भी मिलेगा। सरकारी स्कूलों में अब तक मिड-डे मील में दोपहर का खाना बच्चों को मिलता था।
लेकिन अब उन्हें इसी साल से पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा।
इसके अलावा शारीरिक जांच के आधार पर सभी बच्चों को हेल्थ कार्ड भी दिए जाएंगे।
शिक्षा नीति 2020: सरकारी-निजी स्कूलों में अब होंगे एक नियम
स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों को ई-माध्यमों से मुहैया कराया जाएगा
स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूली शिक्षा की हर पांच साल में समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही साल 2022 के बाद पैराटीचर नहीं रखे जाएंगे। शिक्षकों की भर्ती सिर्फ नियमित होगी। रिटायरमेंट से पांच साल पहले शिक्षकों की नियुक्ति का काम केंद्र और राज्य शुरू कर देंगे।
इसके अलावा कूषि और स्वास्थ की पढ़ाई सामान्य विश्वविद्यालयों के साथ प्रोफेशनल संस्थान में छोटे कोर्स पर भी जोर होगा।
वहीं स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों को ई-माध्यमों से मुहैया कराया जाएगा।
इसके लिए नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम बनेगा।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों,
6,600 ब्लॉकों और 676 जिलों से लगभग दो लाख सुझाव मिले थे।
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